लंगट सिंह महाविद्यालय सभागार में संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन करते हुए मुख्यातिथि, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व कुलपति एवं संस्कृत व्याकरण के मूर्धन्य विद्वान प्रो० शशिनाथ झा ने बताया कि संस्कृत समस्त भारतीय भाषाओं की जननी है और संस्कृत में ही भारतीय संस्कृति निहित है। भारतीय संस्कृति को जानने के लिए संस्कृत का अध्ययन अन्त्यन्त आवश्यक है। चरित्र निर्माण, आत्मविश्वास को जगाने,  तथा आत्मशक्ति बोध के लिए संस्कृत की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। संस्कृत में ज्ञान- विज्ञान के अथाह भण्डार निहित है। उन्होनें इस बात पर बल दिया की संस्कृत को बाल्यकाल से ही पढाया जाना चाहिए। संस्कृत ज्ञान- विज्ञान का मूल स्रोत है। अतः संस्कृत का अध्ययन अध्यापन सर्वथा हितकारी है।

संस्कृत भारती, बिहार एवं झारखाण्ड के क्षेत्रमन्त्री एवं इस कार्यक्रम के विशिष्टातिथि डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि समस्त लोकहित एवं मानव कल्याण संस्कृत की भावना संस्कृत में निहित है। समाज एवं राष्ट्र हित के लिए संस्कृत की रक्षा एवं प्रचार प्रसार समय की मांग है। उन्होंने  कि संस्कृत को सरलता के साथ समाज में संस्कृत सम्भाषण का प्रचार प्रसार होना चाहिए। इन्होनें कई तर्कों से इस बात को सिद्ध करने का प्रयास किया कि संस्कृत  जनभाषा रही है। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं लंगट सिंह महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो० ओम प्रकाश राय ने कहा कि महाविद्यालय संस्कृत के विकास एवं प्रचार प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने  विद्यार्थियों को मन की एकाग्रता को बढाने के लिए संस्कृत अध्ययन की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंनें कहा कि संस्कृत से आसानी से वॄत्ति मिल जाती है। लंगट सिंह महाविद्यालय संस्कृत के साथ सभी भाषा के विकास के लिए कृत संकल्पित है। आइक्यूएसी के समन्वयक एवं अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो० एस आर चतुर्वेदी ने संस्कृत अध्ययन की अनिवार्यता पर बल दिया और संस्कृत संरक्षण के उपाय सुझाए। धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग के प्रो. संजीव मिश्रा ने किया तथा मंच संचालन संस्कृत विभाग के  डॉ० मनीष कुमार झा ने किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में छात्रों की भाषाई जानकारी के परीक्षण हेतु क्विज तथा अन्य प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार भी दिया गया.

कार्यक्रम में प्रो शिवदीपक शर्मा, प्रो राजीव झा, प्रो पंकज कुमार, प्रो गोपाल जी, प्रो एन एन मिश्र, डॉ अर्धेन्दु, डॉ राजेश्वर कुमार, डॉ त्रिपदा भारती, डॉ आलोक कुमार, डॉ नवीन कुमार, डॉ इम्तियाज, ऋषि कुमार आदि मौजूद रहे।

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