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मुजफ्फरपुर, लंगट सिंह कॉलेज में फारसी विषय को दुबारा छात्रों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है. लंगट सिंह कॉलेज के फारसी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सैयद नकी अब्बास (कैफी) को फारसी भाषा एवं साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए ईरान सरकार के प्रतिष्ठित “सादी एवार्ड” मिलने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा की विगत कुछ वर्षों में फारसी विषय में छात्रों की रुचि कम हो रही है तथा छात्रों के बीच फारसी को पुनः लोकप्रिय बनाने के लिए एक कार्य योजना बनाई गई है.

जिसमे फ़ारसी में व्याख्यान, वक्तृत्व प्रतियोगिता, वाद-विवाद आदि का नियमित आयोजन करना शामिल है. उन्होंने कहा की मानविकी के सभी विभागो से अंतरविभागीय सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करने तथा भाषाओं में से एक के रूप में फारसी के साथ द्विभाषी शब्दकोश तैयार करने की पहल की गई है. फारसी के महत्व पर बोलते हुए प्रो राय ने कहा की अंग्रेजों द्वारा भारत के उपमहाद्वीप पर कब्ज़ा करने और उपनिवेश बनाने से पहले, फ़ारसी इस क्षेत्र की लोकभाषा थी और व्यापक रूप से एक आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग की जाती थी.

मौके पर डॉ. सैयद नकी अब्बास (कैफी) ने कहा की यह सम्मान प्रत्येक वर्ष ईरान सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा गैर ईरानी फारसी के विद्वानों को दिया जाता है. मौके पर प्रो टीके डे, प्रो राजीव कुमार, प्रो एन एन मिश्रा, डॉ पवन कुमार, डॉ ललित किशोर, डॉ नवीन कुमार, डॉ इम्तियाज, डॉ हफीज सहित अन्य मौजूद रहे.

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