मुजफ्फरपुर, लंगट सिंह कॉलेज के हिंदी विभाग के पूर्व प्राध्यापक प्रो वकील सिंह के निधन पर शोकसभा आयोजित की गयी. वक्ताओं ने प्रो सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा उनसे जुड़ी यादें साझा की. अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने कहा की प्रो वकील सिंह के निधन से महाविद्यालय परिवार को साथ ही साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
प्रो राय ने कहा की प्रो सिंह न सिर्फ हिंदी के विद्वान थे, बल्कि साहित्य और कला में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी तथा छात्रों के मार्गदर्शन के लिए सदैव तत्पर रहते थे. प्रो राय ने कहा की प्रो वकील सिंह सादगी पूर्ण जीवन व्यतीत करते रहे तथा उनका सहज एवं सौम्य व्यक्तित्व सहज ही सबको आकर्षित करता था. अपनी प्रशासनिक क्षमता और कुशल नेतृत्व से हमेशा शिक्षको, छात्रों और कर्मचारियों के हितों के लिए तत्पर रहते थे. प्रो राय ने कहा कि एक समर्पित शिक्षक के रूप में उन्होंने जो अनवरत साहित्य साधना की वह अप्रतिम है.
श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ट प्राध्यापक प्रो पीयूष वर्मा ने कहा प्रो सिंह 1977 से 1995 तक कॉलेज के हिंदी विभाग में प्राध्यापक रहे. उनका जीवन साहित्य और संगीत के लिए समर्पित रहा. हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो राजीव झा ने कहा कि जायसी, कबीर, तुलसी, सूर आदि उनके पसंदीदा कवि थे जिनकी कविताओं को ध्यान में रखकर उन्होंने अपनी पुस्तकों की रचना की. उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में महाप्राण निराला, मन आंगन के पार, चंपारण की बोली, मन बिहग, बिहारी भाष्य और चंपारनी ग्रामीण शब्दावली उल्लेखनीय है. शोक प्रकट करने वालो में प्रो राजीव कुमार,प्रो ओपी रमण, डॉ विजय कुमार, डॉ फैयाज अहमद, डॉ रितुराज कुमार, डॉ राजेश्वर कुमार, डॉ नवीन कुमार, डॉ ललित किशोर, डॉ ममता कुमारी आदि शामिल रहे।