मुजफ्फरपुर, कोरोना की जंग हार गई डॉ उर्मिला सिन्हा। पटना में इलाज के दौरान ली अंतिम सांस । इसकी जानकारी देते हुए आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने बताया कि वह काफी दिनों से बीमार थी। हाल में उनसे बातचीत हुई थी । लेकिन वह अंत में कोरोना की जंग हार गई । निधन पर दुख जताते हुए डॉ संजय ने कहा कि डॉ सिन्हा एक बहुत ही कुशल चिकित्सक के साथ ही बेहतर समाजसेवी रही। उनका निधन चिकित्सा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। इधर उनके निधन पर सिविल सर्जन डॉ एस पी सिंह , वरीय चिकित्सक डॉक्टर बी बी ठाकुर, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ एके केदार डॉ एके दास डॉ नवीन कुमार, डॉ सौरभ मिश्रा, डॉ एसपी सिंह, डॉ बजेश कुमार, होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ कमर आलम, बिहार चिकित्सक सेवा संघ के सचिव डॉ सीके दास डॉ ज्ञानेंदु डॉ एस के पांडे, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ एमके मिश्रा चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव कुमार, डॉ बीएन तिवारी, डॉ अरुण शाह, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ एनपी सिन्हा ने निधन को अपूरणीय क्षति बताया है ।

इधर सांसद अजय निषाद ने डॉ सिन्हा के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए शोक जताया। सांसद निषाद ने कहा कि वह एक कुशल महिला चिकित्सक थी। उनका निधन चिकित्सक जगत के लिए बड़ा नुकसान है। आई एम ए जिला शाखा मुजफ्फरपुर से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 8 चिकित्सक करोना से जंग हार चुके हैं। उनका निधन दुखद है । कोरोना संक्रमण से मरने वालों में मुख्य रूप से मेजर डॉ एके सिंह, डा संजीव कुमार, डॉ वी बी पी सिन्हा, डॉ यू पी वर्मा, डॉ कमलेश शर्मा, डॉ सुरेश कुमार, डॉ उर्मिला सिन्हा। व डा गोविंद शामिल है ।

आईएमए अध्यक्ष ने कहा कि एक साथ शहर के 8 डॉक्टरों का करोना से चला जाना चिकित्सा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने आम लोगों से अपील किया कि अब कोरोना से सतर्क रहे। मास्क का उपयोग करें। जानकारी के अनुसार डॉ उर्मिला सिन्हा ने अपनी पढ़ाई एसकेएमसीएच से शुरू की थी। उसके बाद वह सदर अस्पताल सहित कई पीएससी में नौकरी करने के बाद मुजफ्फरपुर स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में भी कार्यरत रही है। वह अपने जीवन के अंतिम क्षण तक मरीजों की सेवा करती रही। सेवानिवृत्ति के बाद वह अपनी निजी क्लीनिक कलमबाग चौक इलाके में चला रही थी।

इनपुट : जागरण

3 thoughts on “मुजफ्फरपुर मे कोरोना संक्रमण से शहर के महिला चिकित्सक की मौत, जिले मे वायरस से मरने वाले चिकित्सकों की संख्या हुई आठ”
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