नई दिल्ली: भारत में कोरोना वैक्सीन ट्रायल के आखिरी चरण में हैं. इसके पूरा होते ही जल्द से जल्द लोगों को इसकी डोज देने का काम शुरू होगा. लेकिन शुरुआत वैक्सीन का स्टाक लिमिटेड होगा. ऐसे में आगे की रणनीति बनाते हुए भारत सरकार ने वैक्सीनेशन का रोडमैप (Corona Vaccine Roadmap) तैयार किया है. इसी के आधार पर ये फैसला होगा कि पहले वैक्सीन किन-किन लोगों को मिलेगी और कितनी मिलेगी.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) में कम्युनिटी मेडिसिन डॉ पुनीत मिश्रा ने कोरोना रोडमैप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine) देने की प्राथमिकता करीब एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 50 साल से ऊपर के करीब 26 करोड़ के लोगों के लिए होगी.
वहीं 50 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा महामारी की स्थिति के आधार पर किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों का भी टीकाकरण किया जाएगा. और इसके बाद ही वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर बाकी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा.
वोटर लिस्ट के आधार पर मिलेगी कोरोना की डोज
डॉ संजय राय ने कहा कि कोरोना वैक्सीन देने की प्रक्रिया किसी चुनाव की तरह होगी. हर वैक्सीन साइट पर 5 वैक्सीन ऑफिसर होंगे. इनमें एक सुरक्षाकर्मी, एक अधिकारी वेटिंग, एक वैक्सीनेशन और एक निगरानी के लिए होगा. वैक्सीनेशन के दौरान मरीज की उम्र की पुष्टि करने के लिए लोक सभा और विधान सभा चुनाव की नवीनतम मतदाता सूची (Voters List) का उपयोग किया जाएगा. इसमें जिनकी उम्र 50 वर्ष या उससे अधिक होगी, उन्हें पहले चरण में वैक्सीन लगा दी जाएगी. टीकाकरण अधिकारी के साथ ही दो ऐसे लोग होंगे जो टीका लगवाने आए लोगों का वेरीफिकेशन करेंगे.
एक सत्र में सिर्फ 100 लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीन
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी के अलावा अतयंत जरूरी सेवाओं से जुड़े अन्य कर्मियों को सबसे पहले कोरोना की डोज दी जाएगी. हर सेशन में इनके लिए अलग से वैक्सिनेशन साइट फिक्स की जाएगी. इसके अलावा हाई रिस्क वाले लोगों के लिए भी अलग से मोबाइल साइट और टीमें बनाई जाएंगी. टीकाकरण के हर सत्र में सिर्फ 100 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी. ये लोग पहले से ही रजिस्टर्ड होंगे.
Input : ZeeNews