पटना : बालू के अवैध खनन के आरोप में निलंबित किए गए सारण के डोरीगंज के थानाध्यक्ष संजय प्रसाद के मुजफ्फरपुर और बेतिया स्थित दो ठिकानों पर मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने छापेमारी की। इस दौरान उनके पास वास्तविक आय स्रोत से करीब 41 प्रतिशत यानी 24 लाख 82 हजार 944 रुपये अधिक की संपत्ति पाई गई। तलाशी के क्रम में 2.30 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए हैं। संजय प्रसाद व उनकी पत्नी दोनों के बैंक खातों में करीब 7.10 लाख रुपये जमा पाए गए। जीवन बीमा पालिसी में 11 लाख 29 हजार 914 रुपये के निवेश के प्रमाण मिले हैं। उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई जारी है।
ईओयू के अधिकारियों के अनुसार, बालू खान मामले में जांच के दौरान निलंबित थानाध्यक्ष की बिचौलियों से साठ-गांठ व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की बात सामने आई थी। इसकी पुष्टि होने पर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। मंगलवार की सुबह डीएसपी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों ने मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर थाना अंतर्गत किराये के फ्लैट और बेतिया के साठी थाना अंतर्गत सम्होता गांव स्थित पैतृक आवास पर तलाशी ली।
– सारण के डोरीगंज में थे थानाध्यक्ष, बालू के अवैध खनन मामले में हुए थे निलंबित
– पद एवं प्रभाव का दुरुपयोग कर स्थानीय लोगों से बैंक खातों में जमा कराई नकदी
– 41 अफसरों को बालू खनन मामले में किया गया था निलंबित
– 07 वें पदाधिकारी जिनके ठिकानों पर ईओयू ने की छापेमारी
– 24.82 लाख की आय से अधिक संपत्ति पाई गई जांच में
– 7.10 लाख रुपये जमा पाए गए खुद व पत्नी के खातों में
– 2.30 लाख नकद भी जब्त, एलआइसी में 11 लाख का निवेश
पत्नी के नाम पर मुजफ्फरपुर में खरीदी जमीन
तलाशी के क्रम में मुजफ्फरपुर के छपरा लोदी माड़ीपुर में 1725 वर्ग फीट जमीन निलंबित थानाध्यक्ष की पत्नी के नाम पर खरीदे जाने के कागजात मिले हैं, जिसके लिए करीब 29.80 लाख की राशि का भुगतान किया गया। इसके अतिरिक्त उनके पास 50 हजार मूल्य की ग्लैमर बाइक और एक लाख मूल्य की बुलेट भी है। जांच में इनकी कुल चल-अचल परिसंपत्ति करीब 49 लाख 64 हजार 914 रुपये पाई गई जबकि अनुमानित व्यय करीब 35 लाख 18 हजार रुपये पाया गया। तलाशी के क्रम में इनके मुजफ्फरपुर आवास से भूखंड निबंधन में व्यय की गई 71 लाख की राशि से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। इससे स्पष्ट है कि भू-खंड निबंधन में भी मूल्य कम दर्शाया गया है।
ढाई साल तक वेतन खाते से नहीं निकाले रुपये
ईओयू की जांच में पता चला कि संजय प्रसाद ने अपनी पोस्टिंग वाली जगहों से पद एवं प्रभाव का दुरुपयोग कर स्थानीय लोगों से नकद राशि बैंक खातों में जमा कराई। इतना ही नहीं, मई 2015 से अक्टूबर, 2017 के बीच संजय ने वेतन खाते से एक रुपये की भी निकासी नहीं की। संजय प्रसाद वर्ष 2009 बैच में पुलिस अवर निरीक्षक के पद पर बहाल हुए थे। 30 जून को इनकी नियुक्ति हुई थी। वह अभी तक मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और सारण जिले में पदस्थापित रहे हैं। वेतन मद से इनकी कुल आय 60 लाख रुपये अनुमानित है।
इन अफसरों पर अभी तक हुई कार्रवाई
बालू के अवैध खनन मामले में ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर जुलाई माह में पुलिस और प्रशासन के 41 पदाधिकारी निलंबित किए गए थे। संजय प्रसाद सातवें पदाधिकारी हैं, जिनके ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी हुई है। इसके पूर्व क्रमश: डेहरी के निलंबित एसडीओ सुनील कुमार सिंह, पालीगंज के निलंबित एसडीपीओ तनवीर अहमद, आरा के निलंबित एसडीपीओ पंकज कुमार रावत, आरा के निलंबित एमवीआइ विनोद कुमार, भोजपुर के निलंबित एसपी राकेश दुबे और खनन विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। लगभग तीन दर्जन अन्य अफसरों की संपत्ति जांच अभी चल रही है, उनके ठिकानों पर भी जल्द छापेमारी हो सकती है। इसके अलावा विभागीय कार्यवाही भी जारी है।
इनपुट : जागरण
बिहार : निलंबित थानाध्यक्ष के पास आय से 24.82 लाख अधिक सम्पति, ढाई साल तक खाते से नहीं निकाले पैसे
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