छत के ठीक ऊपर से गुजर रहे ग्यारह हजार वोल्ट के तार को सरकारी खर्चे से हटाया जा सकता है। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में ऊर्जा विभाग की सुनवाई वाले सोमवार को इस प्रकृति के मामले लगातार आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध मं ऊर्जा विभाग के आला अधिकारी से पूरी स्थिति की जानकारी लेने के बाद हैरानी प्रकट की है। उन्होंने साफ कहा है कि बिजली का तार किसी के छत के ऊपर से गुजर रहा तो उसमें संबंधित तो परेशान है। उससे पैसा क्यों ले रहे? मुख्यमंत्री के इस हस्तक्षेप के बाद संभव है कि बिजली कंपनी सरकारी खर्चे पर छत के ऊपर से गुजर रहे बिजली के तार को हटाए।

अभी इस तरह की है व्‍यवस्‍था

वर्तमान में यह व्यवस्था है कि अगर किसी व्यक्ति के घर के ऊपर से ग्यारह हजार वोल्ट का बिजली तार गुजर रहा है तो उसे हटाने के लिए उसे इस्टीमेट की वह राशि जमा करनी है जो तार के हटाने में खर्च होना है। यह राशि काफी बड़ी होती है। इसके अतिरिक्त तार को तभी हटाया जा सकता है जब पास में ऐसी कोई जगह खाली हो जहां से तार को नए सिरे से लगाया जाना संभव हो।

तार लगाए जाने के बाद मकान के निर्माण से हो रही परेशानी

बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि छत के ऊपर से तार गुजरने के अधिकतर मामले ऐसे हैैं जहां पहले खाली जमीन थी। तार लगा दिए जाने के बाद वहां घर का निर्माण हुआ। आसपास परती जमीन भी नहीं है। इस कारण तार को नए रास्ते से ले जाने में परेशानी हो रही है।

केवल बिजली कंपनी की सहमति से संभव नहीं है तार को हटाना

बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि केवल बिजली कंपनी की सहमति से घर के ऊपर से गुजर रहे ग्यारह हजार वोल्ट के तार को हटा पाना संभव नहीं है। इसके लिए पावर ग्रिड की भी सहमति आवश्यक है। यह प्रक्रिया काफी लंबी होती है।

Source : Dainik Jagran

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