बिहार के हाजीपुर में एक अनोखी शादी हुई. दुल्हन थी हाजीपुर के सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने वाली एक महिला मरीज की बेटी और दूल्हा बना अस्पताल में उसकी मां की सेवा करने वाला कर्मचारी. दसअसल महिला मरीज की अंतिम इच्छा थी कि उसका दामाद अस्पताल में उसकी सेवा करने वाला जैसा हो. अपने मरीज की अंतिम इच्छा सुनते ही स्वास्थ्यकर्मी इस बात के लिए तैयार हो गया. बेटी की शादी के अगले दिन ही दुनिया छोड़ चली गई.
जानिए क्या है पूरा मामला:
18 अप्रैल को बिद्दूपुर के ककरहट्टा की रहने वाली मानिका देवी एक हादसे में गंभीर रूप से जल गई थी. उन्हें इलाज के लिए हाजीपुर के सरकारी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनके साथ उनकी बेटी प्रीति अस्पताल में रहकर उनकी देखभाल कर रही थी. सदर अस्पताल में तैनात स्वास्थकर्मी मनिंदर कुमार सिंह मनिका देवी के इलाज में सेवा दे रहा था. मनविंदर के जिम्मे ड्रेसिंग, जाँच और दवा देने की जिम्मेदारी थी.
मां ने जताई चिंता:
प्रीति की मां की हालत गंभीर थी. इसी बीच बीमार मनिका देवी ने तीमारदारी में जुड़े मनिंदर से अपनी बेटी प्रीति कि शादी की चिंता जताई.मनिंदर से बेटी प्रीति का हाथ थामने की गुजारिश की. अपने मरीज की खराब हालत और उसकी अंतिम इच्छा देख मनिंदर ने भी बिना सोचे शादी की हामी भर दी.
इलाज के दौरान ही शादी की तैयारी हुई
इलाज के दौरान ही शादी की तैयारी हुई और अस्पताल के साथी स्वास्थकर्मी और नर्स बाराती बने. मनिंदर और प्रीती की शादी धूमधाम से हुई. झटपट हुई इस शादी को देखकर अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है कि ये शादी महज 15 दिनों के तीमारदार और स्वास्थकर्मी के इलाज के दौरान बने रिश्ते की शादी थी. इस पूरी कहानी का अंतिम पड़ाव भावुक कर देने वाला रहा. बेटी का कन्यादान करने के बाद मनिका देवी की तबियत बिगड़ने लगी और शादी के दो दिन बाद वो दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं. हर तरफ शादी की चर्चा है.
हर किसी ने दिल खोलकर की तारीफ:
मनिंदर के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है. सबका यह कहना है कि ऐसे लड़के बहुत कम मिलते है जो अस्पताल में किसी मरीज की इच्छा पूरी करने के लिए शादी कर लें. एक स्वास्थ्यकर्मी ने कहा कि हमने तो ऐसा पहली बार सुना है. हमें बहुत खुशी है कि हमारे अस्पताल में ऐसा हुआ. हम लोग मनिंदर के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं.
इनपुट : आज तक
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