रोहतास. कहते हैं कि प्रेम में धोखा का कोई स्थान नहीं है. लेकिन अगर प्रेमी- प्रेमिका (Boyfriend Girlfriend) में से कोई एक अगर धोखा देने की सोंचे तो दूसरा पीछे हटना नहीं चाहता. रोहतास (Rohtas) जिले के दरिहट में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दरीहट के पडूहार गांव (Paduhar Village) की रहने वाली प्रियंका का टंडवा गांव के रहने वाले अभयकांत से पिछले 8 सालों से प्रेम संबंध चल रहा था. दोनों एक दूसरे के साथ कई खुशनुमा वक्त बिताए थे. वक्त के साथ प्यार और परवान चढ़ा. अभयकांत भी कुछ कर गुजरने की चाहा और मेहनत से पढ़ाई की. इससे उसकी रेलवे में नौकरी भी लग गई. इस बीच दोनों के बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बन गए.
रेलवे में नौकरी लगते ही प्रेमी ने मारी पलटी
लेकिन मामला तब बिगड़ गया जब अभयकांत की रेलवे में नौकरी लग गई. अब उसके परिवार के लोगों की अभयकांत से कई उम्मीदें जुड़ गईं. वह अपने बेटे की शादी अपनी बिरादरी की लड़की से धूमधाम से कराना चाहते थे. लेकिन अभयकांत का दिल और दिमाग प्रियंका पर अटका हुआ था. दोनों ने चुपके- चुपके मंदिर में शादी कर ली और मध्य प्रदेश के कटनी में रेलवे क्वार्टर में खुशी-खुशी रहने लगे. मामला जब अभयकांत के परिवार वालों तक पहुंचा तो हंगामा हो गया. नाराज परिजनों ने दोनों को अलग कर दिया तथा अभयकांत के पिता विश्वनाथ चौधरी अपने बेटी की शादी अपने बिरादरी में तय कर दी.
थानाध्यक्ष ने कन्यादान किया
वहीं, जैसे ही यह खबर प्रियंका तक पहुंची तो वह डिहरी के महिला थाने पहुंच गई. पुलिस ने पूरे मामले की जांच की. पहले तो दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की गयी. काउंसलिंग किया गया. लेकिन जब दोनों परिवार राजी नहीं हुए, तो अभयकांत को पुलिस ने थाने बुलाई और उसकी मर्जी जानना चाहा. परिवार के दबाव में शादी से कर रहे अभयकांत ने अपनी प्रेमिका के लिए दिल जगह की बात कही. आंखों में आंसू लिए साथ बिताए 8 साल के प्यार मोहब्बत के वादे को याद कर वह पिघल गया. ऐसे में प्रेमी ने पुलिस के सामने प्रियंका से शादी करने की इच्छा व्यक्त कर ही दी. उसके बाद क्या था, थानाध्यक्ष ने कन्यादान किया.
बेटी की तरह अपने थाने से विदाई दी
महिला थाना थानाध्यक्ष माधुरी कुमारी ने पूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए थाना में ही दोनों की अंतरजातीय शादी कराने का योजना बनाई. अब मियां- बीबी राजी तो क्या करेगा काजी. दोनों पक्षों के कुछ रिश्तेदार बुलाए गए. शादी के जरूरी सामानों की खरीदारी की गई. डिहरी के कई सामाजिक कार्यकर्ता इसमें बाराती बने. वहीं, महिला थाने की पुलिसकर्मी बारातियों का स्वागत करने के लिए गेट पर खड़ी रहीं. पुलिस की मौजूदगी में पंडित जी बुलाए गए और मंत्रउच्चारण के बीच प्रियंका और अभयकांत परिणय सूत्र में बंध गए. महिला थानाध्यक्ष ने दुल्हन बनी प्रियंका का कन्यादान किया और पूरी विधि-विधान से एक बेटी की तरह अपने थाने से विदाई दी.
Source : News18