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वैशाली. गरीबों के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकार की सबसे महत्वकांक्षी पीएम आवास योजना को वैशाली में अमीरों और दबंगों के साथ साथ घूसखोर पदाधिकारियों की नजर लग गई है. इसके चलते इस योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को नहीं बल्कि दबंग और अमीरों को मिलने लगा है. वैशाली जिले के चेहरकला प्रखंड से पीएम आवास योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख कर आप भी चौंक जाएंगे. वैशाली जिले में चंद पैसों के लिए 24 घंटे में ही दर्जनों मकान बना दिये गये. हद तो यह है कि न सिर्फ नींव से लेकर छत तक मकान बना, बल्कि उसके रंगरोगन से लेकर बिजली का कनेक्शन भी एक दिन में ही दे दिया गया.

यह हम नहीं कह रहे बल्कि भारत सरकार के पीएम आवास पोर्टल पर जानकारी देकर सरकारी कर्मियों ने खुद ही पीएम आवास योजना में धांधली का खुलासा कर दिया है. भ्रष्टाचार के इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब एक आरटीआई एक्टिविस्ट देवेंद्र राय ने पूरी जानकारी मांगी. इसके बाद जो सच्चाई सामने आई वह हैरान करने वाली थी, लिहाजा अब आरटीआई कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत डीएम से लेकर सीएम तक और सचिव से लेकर गवर्नर तक से कर दी है. वो अब कोर्ट में इस धांधली के खिलाफ जाने की तैयारी में हैं.

भ्रष्टाचार के खेल में सभी शामिल

भ्रष्टाचार के इस खेल में वर्तमान मुखिया से लेकर मुखिया प्रत्याशी और आवास सहायक से लेकर प्रखंड स्तर के कर्मचारी और अधिकारी तक शामिल हैं. आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस प्रखंड के तीन पंचायत विशुनपुर अड़रा, चेहरकला और मंसूरपुर हलैया के 15 लाभुकों की जानकारी भारत सरकार के पोर्टल से निकाली है, जिनका घर एक या दो दिन में बनकर तैयार हो गया है. चेहरकला पंचायत के मुखिया ब्रह्मदेव राय के भाई की पत्नी का घर जहां 24 घंटे में बन गया, तो वहीं हारे हुए मुखिया प्रत्याशी संजय कुमार यादव का 48 घंटे में पीएम आवास का घर बनकर तैयार हो गया.

सरकारी पैसे की बंदरबांट

इस बाबत जब चेहरकला के बीडीओ कुमुद रंजन से पूछा गया तो उन्होंने कमेटी बनाकर जांच करने की बात कही. दरअसल लाभान्वितों ने किसी दूसरे या फिर अपने पहले से बने पक्के मकान के सामने फोटो खिंचवा कर आवास सॉफ्टवेयर पर अपलोड करवा दिया. लूट-खसोट और सरकारी राशि के बंदरबांट की तस्वीर के बाद इसी प्रखंड के चेहरकला पंचायत के यादव टोला के रहने वाले मनोज कुमार का नाम पीएम आवास योजना की सूची में 2019 में ही आ गया, लेकिन अबतक आवास नहीं बना, क्योंकि इन्होंने घूस में 20 हजार रुपये नहीं दिए.

अब तक 97 हजार से ज्यादा आवास को मंजूरी

बता दें कि पीएम आवास निर्माण के मामले में वैशाली राज्यस्तरीय सूची में आठवें पायदान पर है. फरवरी 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैशाली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण कार्य पूरा करने में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 95.41 फीसदी उपलब्धि हासिल की गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के शुरू होने से अब तक जिले में कुल 97 हजार 538 आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई.

Source : News18

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