पटना. बिहार सरकार के सचिवालय में राजस्व पर्षद में काम करने वाली सहायिका प्रीति कुमारी और सचिवालय में ही दूसरे विभाग में काम करने वाले उनकी मित्र कंचन कुमारी चर्चा में हैं. दरअसल इनके साहस और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की प्रवृत्ति ने पटना पुलिस को परेशानी में डाल दिया है. पटना पुलिस के एक थानेदार के आपत्तिजनक व्यवहार के खिलाफ जिस तरह से ये दोनों उठ खड़ी हुई और लोगों का समर्थन इनके पक्ष में सामने आया, इसके बाद से कई लोग इन्हें ‘दुर्गा’ और ‘काली’ नाम देने में भी गुरेज नहीं कर रहे. यही वजह है कि अब सचिवालय सेवा संघ भी इनके समर्थन में सामने आया है.
बता दें कि बीते 10 जनवरी की शाम पटना के सचिवालय गेट संख्या दो पर प्रीति कुमारी नाम की महिला से बदमाशों ने मोबाइल झपट लिया था. इसके बाद वह अपनी दोस्त कंचन के साथ सचिवालय थाना पहुंचीं जहां सचिवालय थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता से आवेदन की रिसीविंग के मामले पर नोकझोंक होने लगी. इसके बाद थानाध्यक्ष ने इन दोनों को पहले हाजत में बंद करने का आदेश दिया, फिर बाप तक को बुला लाने की बात कह दुर्व्यवहार किया.
दोनों महिलाएं बिहार सरकार की ही एजेंसी में काम करती हैं इसलिए इन्हें इस बात का अंदेशा नहीं था कि पुलिस विभाग का एक अफसर उनके इस तरह बदसलूकी करेगा.संयोग की बात यह रही कि पीड़ित प्रीति की मित्र कंचन ने पुलिस अफसर का व्यवहार देखते हुए बीच घटनाक्रम से मोबाइल में सारी तस्वीरें कैद कर ली. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पटना पुलिस की फजीहत हो गई.
यहां बता दें कि सचिवालय एएसपी का कार्यालय भी उसी कैंपस में है. इन दोनों सचिवालय में काम करने वाली महिलाओं ने एएसपी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें इस पूरे मामले में तत्परता दिखानी चाहिए थी, लेकिन महिला अफसर होते हुए भी वे थानाध्यक्ष के पक्ष में ही बोलने लग गईं. मामला तूल पकड़ता देख पटना के एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों ने पूरे मामले की जांच का आदेश सचिवालय एएसपी को ही दिया है. हालांकि उनको जांच का आदेश दिए जाने के बाद प्रीति कुमारी और दोस्त कंचन कुमारी ने सवाल उठाया है.
दोनों महिला सचिवालय कर्मियों का कहना है कि अगर जांच काम्या मिश्रा ही करेंगी तो वह न्याय कैसे दे पाएंगी? इस बीच पूरे मामले को लेकर इन दोनों महिलाओं के साथ सचिवालय सेवा संघ भी सामने आ गया है और दोनों महिला कर्मियों के पक्ष में बुधवार को आलाधिकारियों को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है. यह दोनों महिलाएं सचिवालय थानाध्यक्ष के खिलाफ कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई पर अड़ी हुई हैं.
इधर फजीहत होता देख पटना पुलिस पूरे मामले के डैमेज कंट्रोल में लग गई है. पूरे मामले में थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगालने में जुटी है ताकि घटना शुरू से देखी जा सके. इस पूरे मामले में पीड़िता प्रीति कुमारी और कंचन कुमारी का बयान भी पुलिस दर्ज करेगी.
बहरहाल, जिस तरीके से इन दोनों महिलाओं ने पुलिस अधिकारी के दुर्व्यवहार का विरोध किया और इसे आत्म सम्मान को चोट पहुंचाने वाली घटना करार देते हुए न्याय की गुहार लगा रही हैं, ऐसे में आमलोगों ने इन दोनों महिलाओं की बहादुरी की जमकर प्रशंसा की है. देखना दिलचस्प होगा इन दोनों महिलाओं के साहस और निडरता पटना पुलिस की बदतमीजी के बाद शुरू हुए डैमेज कंट्रोल को कैसे मात दे पाती हैं. लेकिन इनके साहस ने अन्याय के खिलाफ प्रतिवाद की जो मिसाल पेश की है और इन दोनों की सब जगह प्रशंसा हो रही है.
Source : News 18