पटना. प्रदेश के मंदिरों एवं मठों के नाम पर दान में दी गयी जमीन का स्वामित्व मंदिर के ही देवता के नाम कर दिया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 20 जिलों में एक विशेष सर्वेक्षण शुरू किया है. इस सर्वेक्षण के तहत मंदिर, मठ और अन्य धार्मिक देवता या मंदिर को दान में दी गयी जमीन की पहचान की जायेगी.
पहचान के बाद उस जमीन का स्वामित्व मंदिर के नाम ही कर दिया जायेगा. अब ऐसी जमीन किसी व्यक्ति या निजी संस्था के नाम नहीं रहेगी. प्रदेश के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने इस संदर्भ में यह निर्णय बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद और न्यास परिषद से विमर्श के बाद लिया है. 1905 के बाद पहली बार सभी मठ-मंदिरों की जमीन का सर्वे होगा.
जानकारी के मुताबिक बिहार में मंदिर के नाम पर हजारों बीघा जमीन दी गयी है. इसका रिकार्ड अभी अपडेट नहीं है. फिलहाल सर्वेक्षण के बाद समूचे राज्य में इस तरह की जमीन पर काबिज भू माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा.
ऐसी जमीन को कब्जे में लेकर उसका स्वामित्व प्रमाण पत्र मंदिर के नाम कर दिया जायेगा. विधि विभाग के निर्देश के बाद मंदिर की जमीन पर कब्जा जमाने वाले लोगों की पहचान भी शुरू कर दी गयी है. उन पर कानूनी शिकंजा कसने की भी तैयारी शुरू हो चुकी है.
लेखा-जोखा रखने के लिए बनाया जा रहा ऑनलाइन पोर्टल
ऐसे मंदिर जिन्हें दान की जमीन मिली है, उनके लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास की तरफ से एक पोर्टल तैयार किया गया है. पोर्टल में जमीन का रकबा, खाता और खसरा अपलोड किया जायेगा. इस पोर्टल के माध्यम से मंदिर की जमीन की मॉनीटरिंग भी आसानी से हो सकेगी. प्रत्येक जिले को ऐसे मंदिरों की जमीन का ब्योरा डालने के लिए एक माह का समय दिया गया है.
पोर्टल का लोकार्पण बहुत जल्द कर दिया जायेगा. पटना जिले में एक सौ पचास एकड़ जमीन केवल राम जानकी या वैष्णव मठों के नाम है. इसके बाद कबीर और शिव मठों के नाम परिसंपत्ति है. वैशाली में एक सौ बीस मंदिरों के पास सैकड़ों एकड़ जमीन भी चिन्हित की गयी है. भाजपा कार्यालय में आयोजित सहयोग कार्यक्रम में यह जानकारी विधि मंत्री ने दी.
अकेले पटना जिले में 275 एकड़ जमीन की पहचान की गयी
प्रदेश में हजारों मंदिर हैं, जिनके पास हजारों एकड़ जमीन का स्वामित्व है. यह भी बताया जा रहा है कि ऐसे भी सैकड़ों मंदिर हैं, जिनका अभी तक संबंधन ही नहीं है. इनकी भी करोड़ों की जमीन है. फिलहाल पटना जिले के 23 अंचल में 140 मंदिरों के पास 275 एकड़ जमीन है.
विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रदेश में मंदिरों की जमीन के प्रबंधन के लिए रणनीति बना ली गयी है. सबसे पहले मंदिरों को दान में दी गयी जमीन का सर्वेक्षण के जरिये विवरण जुटाया जा रहा है. अब मंदिरों की समूची संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र उस मंदिर के नाम ही जारी किया जायेगा. इसके लिए एक विशेष पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है, जहां मंदिर को दान में दी गयी जमीन का समूचा विवरण होगा.
इनपुट : प्रभात खबर