बिहार में पुलिस थाना और चौकी भी गायब हो जाते हैं। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि राज्य के 28 जिलों (एक रेल जिला सहित) के 99 थाने और ओपी ‘लापता’हो गये हैं! इन लापता थानों और ओपी की खोज की जा रही है। अचरज में डालने वाली ये सूचना एक हद तक सही है। दरअसल, इतने थानों और ओपी के भौतिक रूप से अस्तित्व में नहीं होने की बात तब पता चली, जब टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) के एक्सपर्ट थानों में सीसीटीवी लगाने पहुंचे। लिस्ट में लापता हुए 62 थानों और 37 ओपी के नाम हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी थानों और ओपी में सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया है। इसके बाद बिहार के थानों और ओपी में सीसीटीवी लगाने का कार्य टीएएसएल को दिया गया है। राज्य पुलिस मुख्यालय के बड़े अधिकारियों ने बताया कि कई अधिसूचित थानों के अस्तित्व में आने में वक्त लगता है। साथ ही जमीन मिलने व इमारत बनने के बाद कई थाने दूसरी जगह शिफ्ट हो गए। सीसीटीवी लगानेपहुंचे टीएएसएल के कर्मियों को जब 99 थाने और ओपी नहीं मिले तो कंपनी ने पुलिस मुख्यालय को यह रिपोर्ट सौंपी कि ये भौतिक रूप से उन स्थानों पर नहीं मिले जहां बताया गया है। इस रिपोर्ट के बाद राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के डीआईजी ने संबंधित जिलों के एसपी को पत्र लिखा है और उन्होंने यह पता लगाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा है कि टीएएसएल द्वारा सौंपी गई लिस्ट में शामिल थाने व ओपी वास्तव में भौतिक रूप से कार्यरत हैं या नहीं।
भागलपुर और आसपास के थाने और ओपी भी ‘गायब’
‘लापता’ थानों और ओपी में भागलपुर जिले का बाराहाट, नवगछिया का सोनबरसा नदी थाना और सोनबरसा थाना के साथ ही बांका का जिलेबियामोड़, खैरा, अवरखा मौरीपहाड़ी, सिघौना, जमदाहा और उनारा भी शामिल हैं।
जमीन नही है पर थाने की अधिसूचना जारी
99 थाना-ओपी न मिलने की वजह की पड़ताल में अलग-अलग मुद्दे सामने आए। बांका जिले में जिलेबिया मोर एवं जमदाहा में थाना अधिसूचित है, लेकिन भवन न होने के कारण थाना शुरू नहीं किया गया है। जमालपुर रेल एसपी अमीर जावेद ने कहा कि रेल थाना चानन अधिसूचित है, लेकिन फंक्शनल नहीं है। इस क्षेत्र में एक भी ट्रेन नहीं चल रही इसलिए थाने को भी क्रियाशील नहीं किया है। ट्रेनो का परिचालन होगा, तब फंक्शनल किया जाएगा। लखीसराय के एसडीपीओ रंजन कुमार ने जानकारी दी कि सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत बसौनी और चानन प्रखंड अंतर्गत सिंहचक व बन्नू बगीचा थाना फिलहाल चालू नहीं हुआ है। तीनों के लिए जमीन का प्रस्ताव भेजा गया है। पूर्णिया के एसपी दयाशंकर ने पुलिस मुख्यालय को सूचना दे दी है कि यहां ठाकुर नाम का कोई थाना नहीं है। भागलपुर के एसएसपी बाबू राम ने कहा कि बाराहाट ओपी तो मौजूद है। कैमरा लगाने आई टीम को भौतिक रूप से ओपी का पता नहीं चला तो जिले की पुलिस से संपर्क कर लेते। बता दिया जाता। फिर से वे आएंगे तो उन्हें लोकेशन बता दिया जाएगा।
ये थाने और ओपी ‘लापता’ की सूची में शामिल
पटना के इमामगंज, मुसल्लहपुर, पंचरूखिया, पितवांस, पियरपुर, चित्रगुप्त नगर, सीटी सीरीतागढ़, गांधी सेतु, गांधी घाट, हार्डिंग पार्क, करमैया, लहसुना, मैनपुरा, पिपरा और सरिस्ताबाद लिस्ट में शामिल हैं। मुजफ्फरपुर का चकी सुहागपुर, कच्ची पक्की थाना, गन्नीपुर, गरहा, जजौर, राजेपुर और रामपुर के अलावा पूर्वी चंपारण जिले का गरहिया बाजार, जमुनियां जीतवा, कठकेनवा रपुर, खजुरियां, नारायणपुर चौक और लखौर भी इसमें शामिल है। नालंदा का सपही, शाहपुर और सुधी के अलावा रोहतास का अमरकोठा, कमऊ, विश्रामपुर और शिवहर का वृन्दावन और राजा पाकड़ भी इस लिस्ट में है। वैशाली का हरिलोचनपुर, काजीपुर, महिसौर, पानापुर लंगा व पीपराही, औरंगाबाद का औरंगाबाद खैरा, कलेन, बगहा का मजुराहा मनगठा व रामपुरवा, बेगूसराय का नोनपुर, बक्सर का जगदीशपुर और कालामठ, दरभंगा का नदी थाना और संदरपुर, गया का पूरा ओपी, गोपालगंज का तरनहवा के अलावा मधुबनी जिले का बन्नु बगीचा, बसौनी, सिंहचक और लुटौथ के नाम भी सूची में हैं।
पुलिस मुख्यालय ने ये कहा
पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारी का कहना है कि थाना और ओपी में सीसीटीवी कैमरे लगाने का करार अधिसूचित थाना व ओपी की संख्या के हिसाब से कंपनी को सौंपा गया है। पर भौतिक रूप से मौजूद थानों और ओपी में लगाए गए सीसीटीवी के लिए ही कंपनी को भुगतान किया जाएगा। जैसे-जैसे अधिसूचित थाना और ओपी कार्य करने लगेंगे कंपनी द्वारा उसमें भी सीसीटीवी लगाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा वैसे थाने और ओपी में भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जा रहे हैं जो जर्जर भवन में हैं।
कहते हैं अधिकारी
जिलों के कुछ थाने व ओपी भौतिक रूप से कार्यरत क्यों नहीं दिखे हैं, इसकी जांच कराई जायेगी। अगर कोई संशय है तो उसे दूर किया जायेगा। – सुजीत कुमार, डीआईजी, भागलपुर रेंज
Input : live hindustan