मुजफ्फरपुर. फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर 28 मार्च को होलिका दहन किया जायेगा. इस बार यह हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग में किया जायेगा. शास्त्रों में भद्रा के समय होलिका दहन को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए भद्राकाल के समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जायेगा. इस बार पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को दोपहर 2.30 बजे शुरू हो रही है. यह रात 12.40 बजे तक रहेगी.

ज्योतिष पं. प्रभात मिश्र ने कहा कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 7.37 बजे से रात 10.56 बजे तक है. इस दौरान होलिका दहन करना शुभ है.

उन्होंने कहा कि होलिका में आग लगाने से पूर्व होली का पूजन करने का विधान है. होलिका की पूजन करने वाले व्यक्ति को पूजा करते वक्त पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर बैठना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पूजन करने के लिए माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेंहू की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना चाहिए और उसके बाद होलिका के चारों ओर परिक्रमा करनी चाहिए.

सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग में मनेगी होली

इस बार होली सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि योग में मनेगी. दोनों योग एक साथ होने से होली सभी लोगों के लिए फलकारक होगा. आचार्य अभिनव पाठक ने कहा कि होली के दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा.

इसके अलावा शनि व गुरु होली के दिन मकर राशि में विराजमान होंगे. शुक्र व सूर्य दोनों ही मीन राशि में रहेंगे. मंगल व राहु वृषभ राशि में, बुध कुंभ राशि और केतु वृश्चिक राशि में विराजमान होगा. ग्रहाें का यह संयोग भी होली को समृद्धिकारक बनायेगा.

इनपुट : प्रभात खबर

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