नेताओं की शादी में न चाहते हुए भी कुछ न कुछ राजनीति हो ही जाती है। शादी के तौर-तरीके भी राजनीति से प्रभावित होते हैं और मीडिया की सुर्खियां बनते हैं विवाह में बंधी जोड़ी को शुभकामना और बधाई देने में भी राजनीति हो ही जाती है। बिहार के राजनीतिक दिग्गज लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की शादी को मीडिया और राजनीति से बचाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन इसमें भी जमकर राजनीति हुई। पहले मामा साधु यादव ने दूसरी जाति में तेजस्वी की शादी पर ऐसा बखेड़ा खड़ा किया की शादी से ज्यादा शादी के बाद के हालात मीडिया की सुर्खियों में रहे।
अब इस नव दंपत्ति यानी तेजस्वी यादव और राजश्री को नया जीवन शुरू करने की बधाइयां भी राजनीतिक अंदाज में ही दी जा रही है। तेजस्वी यादव के समर्थकों ने पटनार आसपास के इलाकों में बड़े-बड़े होर्डिंग्स और पोस्टर लगाकर उन्हें बधाई दी है। तेजस्वी समर्थक पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों ने शादी की तस्वीरों के साथ अपनी तस्वीरें लगाकर बधाई के बहाने अपनी राजनीतिक ऊंचाई बढ़ाने की कोशिश की है। इन होर्डिंग्स में तेजस्वी यादव को भैया बता कर नेता खुद को राजश्री भाभी का देवर साबित करने में लगे हैं और तरह तरह के संदेश दे रहे हैं।
एक पोस्टर में लिखा है कि तेजस्वी भैया ने जाति धर्म के बंधन को तोड़ते हुए प्रेम विवाह करके लोहिया जी की रोटी और बेटी के बीच संबंध बनाने के सपने को साकार किया है। दूसरे पोस्टर में तेजस्वी यादव को बिहार का युवराज बताया गया है। एक पोस्टर ऐसा भी लगाया गया है जिसमें तेजस्वी यादव को बिहार का भविष्य बताया गया है। इस तरह के दर्जनों होर्डिंग्स लगाए गए हैं जिसमें तेजस्वी यादव को बधाई देने के साथ-साथ हाईलाइट करने के लिए कोशिश की गई है। खास बात यह है की बधाई देने बालों में बड़ी तादाद यादव समाज के राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं की है।
राजनीति को समझने और समझाने वाले बताते हैं कि हार्डिंग और पोस्टर लगाकर बधाई संदेश के के पीछे एक कैलकुलेटेड मकसद काम कर रहा है। तेजस्वी यादव की शादी के बाद उनके मामा साधु यादव ने अंतर्जातीय विवाह को हथियार बनाकर लालू यादव और उनके बेटों को यादव जाति से दूर करने की कोशिश की थी। मीडिया को दिए अपने बयान में साधु यादव ने राबड़ी देवी को राजपूत करार दिया था। वहीं, लालू परिवार के बड़े लाल का दूसरी जाति की लड़कियों के साथ संबंध की चर्चा की थी। साधु यादव ने राजद के यादव नेता दरोगा राय के परिवार को धोखा देने का आरोप लालू यादव और उनके बेटों पर लगाया था। तेजस्वी के समर्थकों ने इन होर्डिंग्स सर बैनर्स के जरिए मामा साधु को जवाब देने की कोशिश की है। इसका एक गुप्त निहितार्थ यह भी है कि लालू प्रसाद यादव के बाद तेजस्वी यादव ही राष्ट्रीय जनता दल के नेता है।
Input : Live hindustan