मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। बिहार के भावी मुख्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा…! यह सुनने और पढ़ने के एक साथ अनेकों सवाल उठने लगते हैं। क्या जीतन राम मांझी की तरह ही बिहार की कमान उपेंद्र कुशवाहा को मिलने वाली है? क्या ओम प्रकाश चौटाला से सीएम नीतीश की मुलाकात के बाद वे केंद्र की राजनीति में जा रहे हैं? और भी बहुत कुछ। अगर आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं तो अपने विचार को विराम दें। यहां हम इस तरह के किसी राजनीतिक घटनाक्रम की बात नहीं कर रहे हैं। वरन जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के मुजफ्फरपुर आगमन से पहले उनको बिहार का भावी मुख्यमंत्री बताने वाले होर्डिंग की चर्चा कर रहे हैं। इसे कहीं और नहीं वरन मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर में लगाया गया है। जिससे वहां हर आने-जाने वाले की नजर टिक जा रही है। भविष्यवाणी कर रहे इस होर्डिंग के लगने के बाद से ही मुजफ्फरपुर ही नहीं वरन पूरे राज्य की राजनीति में खलबली मची है। इस पर स्थानीय जदयू नेताओं की तस्वीरें होने की वजह से स्थिति कुछ अधिक ही उलझ गई है। हालांकि अब जदयू जिलाध्यक्ष ने इससे पार्टी को अलग करते हुए कार्रवाई किए जाने की बात कही है।
रालोसपा के जदयू में विलय के बाद उपेन्द्र कुशवाहां समर्थक उनको भावी मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुृमार की दिल्ली में सक्रियता के साथ ओमप्रकाश चौटाला से मुलाकात होने व जातीय जनगणना के सवाल पर भाजपा से अलग विपक्षी दल के नेताओं से समन्वय के बाद उपेन्द्र को सीएम बनाने के फैक्टर को बल मिल रहा है। उपेन्द्र समर्थकों का मानना है कि नीतीश कुमार तीसरा मोर्चा बनाकर दिल्ली की राजनीति करेंं। इस मंशा को मुजफ्फरपुर में एक होर्डिंग के जरिए जाहिर की गई। उपेन्द्र कुशवाहां जदयू की ओर से बिहार यात्रा पर है। उसी कड़ी में वह 26 को मुजफ्फरपु़र आने वाले है। उससे पहले समाहरणालय परिसर में एक बैनर लगा उसके बाद राजनीति विवाद तेज है। एक समाजिक संगठन की ओर से वह पोस्ब्टर लगाया गया है। जिसमेंं उपेन्द्र कुुशवाहां को भावी मुख्यमंत्री बताया गया है। उस पोस्टर पर कभी उपेन्द्र कुशवाहां के करीबी रहे समाजवादी चिंतक बिनोद कुशवाहां की तस्वीर है। बिनोद कुशवाहां फिलिहाल जदयू में है। सर्मथक यह कयास लगा रहे कि जिस तरह से जीतन राम मांझी को सीएम की कुर्सी मिली उसी तरह से लोकसभा चुनाव के पहले तीसरा मोर्बा बना तो उपेन्द्र सीएम हो सकते है और सीएम नीतीश कुमार केन्द्र की राजनीति में जा सकते है। वैसे जब से उपेन्द्र कुशवाहां जदयू में आए है उनका कद लगातार बढ रहा है। उनके आने के बाद सांसद व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को संगठन से चलता कर दिया गया। बिहार के दो दिग्गज ललन सिंह व उपेन्द्र कुंशवहां के हाथ में संगठन की कमान है। लवकुश व ब्रहिर्ष गठबंधन को मजबूत करने के संकेत से नए बदलाव को बल मिल रहे है।
बोले कुंदन शांडिल्य फिलहाल नो वैकेंसी
मुज़फ़्फ़रपुर समाहरणालय परिसर में एक बैनर लगा है जिसमे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को बिहार का भावी मुख्यमंत्री बताया जा रहा है । इस पर युवा जदयू के मुख्य प्रवक्ता कुंदन शांडिल्य ने कहा कि पाटीर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सर्वमान्य नेता है। कुछ लोग दिव्य स्वप्न देख रहे हैं , बिहार में जबतक मुख्यमंत्री जीवित हैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली नही हैं जो लोग सपने देख रहे हैं कि आने वाले समय मे कोई वेकैंसी भी निकलेगी। जो लोग दिन में सपने देखना छोड़ दें । कुंदन ने मांग किया कि इस बैनर में अगर पार्टी की किसी पदाधिकारी का तस्वीर है तो जिलाध्यक्ष अपने स्तर से प्रदेश अध्यक्ष को जानकारी दे। पार्टी लाइन से हट के है पार्टी के पदाधिकारी हैं इस बैनर में दिख रहे तो यह अनुशासनहीनता है। जिस तरह से बिहार का विकास का नाम अगर आता है तो उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का योगदान सम्मलित है। निरंतर जब से मुख्यमंत्री की कुसीर् संभाले हैं तब से आज तक बिहार के विकास को तेज गति से ले जा रहे हैं। सभी जाति धर्म के साथ सर्वांगीण विकास हो रहा है । इसलिए जदयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार है और जब तक सक्रिय राजनीति में है सीएम रहेंगे।
इनपुट : जागरण