नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की किसान हिंसा (Farmer Violence) के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर जहां-जहां कील लगवाई थी. वहां पर भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) फूलों के पौधे लगाने जा रहे हैं. इसके लिए उन्हें मिट्टी भी गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर मंगवा ली है. राकेश टिकैत ने अपने समर्थकों के साथ कीलों वाली जगह पर मिट्टी डलवाई और वहां पर पौधे रोपने का काम कर रहे हैं.
नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग पर अड़े हैं किसान
बता दें कि नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिम यूपी के किसान पिछले 72 दिनों से दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठकर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं.
सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी अब तक इस मसले का हल नहीं निकला है. सरकार जहां तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा का आग्रह कर रही है. वहीं प्रदर्शनकारी किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं.
किसानों ने 6 फरवरी को चक्का जाम की घोषणा की है
प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मांग मनवाने के लिए 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम की घोषणा की है. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर सभी राज्यों में शनिवार को चक्का जाम किया जाएगा. उधर 26 जनवरी को शहर में हुई किसान हिंसा (Farmer Violence) को देखते हुए दिल्ली पुलिस पूरी तरह चौकस है. उसने किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु बने तीनों स्थानों पर कांटेदार तारों के अलावा सड़कों पर कीले, बैरिकेड और कंक्रीट की दीवारें चिनवा दी हैं.
मुकदमे दर्ज होने के बाद राकेश टिकैत के सुर नरम पड़े
खुद पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने के बाद अब भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के सुर भी नरम पड़ने लगे हैं. देश में 6 फरवरी के होने वाले राष्ट्रव्यापी चक्का जाम से 12 घंटे पहले टिकैत ने यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम वापस लेने की घोषणा कर दी. इन दोनों राज्यों में बीजेपी सरकार में है और हिंसा करने पर टिकैत को कड़ी कार्रवाई का डर था. वहीं दिल्ली के बारे में राकेश टिकैत ने कहा कि यहां तो वैसे ही गाड़ियां बंद पड़ी है. इसलिए यहां पर चक्का जाम का कोई खास असर नहीं होगा.
Input : Zee News
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