मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को फिर कहा कि सीएम-पीएम बनना नहीं मेरा लक्ष्य नहीं है, बल्कि भाजपा को हराना है। मैं कभी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं था। आज भी नहीं हूं। महागठबंधन बिहार में अगला चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ेगा और मैं खुद राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करूंगा।

नीतीश मंगलवार को यहां महागठबंधन विधायक दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के विधायकों की ओर देखते हुए कहा कि आप अपने नेतृत्व को बता दें कि मैं प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं हूं। 2024 में भाजपा को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना ही अब मेरा लक्ष्य रह गया है। इसके लिए देशव्यापी मुहिम चलाएंगे। विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे।

नीतीश ने मंच पर बैठे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर इशारा कर कहा- अब इन्हें आगे बढ़ाना है। हम सब एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तो अगले लोकसभा चुनाव में बिहार की किसी सीट पर भाजपा की जीत नहीं होगी। 2025 के विधानसभा चुनाव में भी उसे सफलता नहीं मिलेगी। विपक्ष एकजुट हो तो केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाना असंभव भी नहीं है। हम तो कोशिश कर रहे हैं। इस पर अन्य दलों को भी विचार करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा झूठ, घृणा और द्वेष की राजनीति कर रही है। नीतीश ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में महागठबंधन के विधायकों-विधान परिषद सदस्यों को एकजुट रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम सभी सात दल एक साथ आए हैं। हमें अपनी एकता को धारदार तरीके से बरकरार रखना है।

उन्होंने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र की समस्या लिखकर दें। उसका तुरंत निदान होगा। महागठबंधन में सभी जाति-धर्म के लोग हैं। हमें सबके लिए काम भी करना है। शराबबंदी की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार ने इस पेशे से पूर्व में जुड़े गरीबों को एक लाख रुपये देने का निर्णय लिया है। ताकि वे अपनी जीविका के लिए अन्य कार्य कर सकें।

हम सब नीतीश के हर एक फैसले के साथ हैं : तेजस्वी

उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन के सभी विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हर एक फैसले के साथ हैं। नीतीश कुमार के रूप में हमारे साथ अनुभवी नेतृत्व है। चट्टानी एकता है। हमें सदन में नेता के साथ मिलकर काम करना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है।

उन्होंने कहा कि मांग के बावजूद विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे रही है। राज्यहित में नीतीश कुमार ने केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाने का सही निर्णय लिया है। हमें अपने नेतृत्व तथा सरकार पर भरोसा रखना है। अभी हमें लोकतंत्र, संविधान, अमन-चैन और धर्मनिपेक्षता को बचाने के लिए काम करना है। हमारे कंधों पर भी बड़ी जिम्मेवारी है।

इनपुट : दैनिक जागरण

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