बिहार में फिलहाल मौका चुनावी नहीं है. लेकिन, माहौल ऐसा लग रहा है मानो कोई आम चुनाव हो और बयानों के तीर भी ऐसे चल रहे हैं जैसे चुनाव में नेता एक-दूसरे पर छोड़ते हैं. यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्यों कि बिहार में इन दिनों चुनाव के बिना राजनेता एक दूसरे पर अपने बयानों से लगातार हमलावर हैं. ताजा मामला जदयू (JDU) की ओर से आयोजित ‘15 साल बेमिसाल’ कार्यक्रम में देखने को मिला जब राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला.
दरअसल यह कार्यक्रम भले ही बिहार में सीएम नीतीश कुमार के 15 साल बेमिसाल को लेकर था लेकिन, इस कार्यक्रम में बोलते-बोलते ललन सिंह लालू प्रसाद यादव पर भी हमलावर हो गए. ललन सिंह ने कहा कि जो लोग हमारी सरकार पर रोजगार को लेकर सवाल खड़ा करते है उन्हें अपने शासन को याद करना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष को अपने माता-पिता से इस मुद्दे पर सवाल पूछना चाहिए कि उनके राज में रोजगार का हाल क्या था? उद्योग धंधे का हाल क्या था? हां, उनके राज में एक उद्योग काफी फला फूला था और वो उद्योग था अपहरण उद्योग. वो एक कहावत है ना- ‘सारी खुदाई एक तरफ जोरू का भाई एक तरफ’ इसी कहावत को चरितार्थ कर सभी मिलकर वसूली करते थे.
बता दें, पटना स्थित जदयू कार्यालय में जब ललन सिंह ने शुरुआत में तो नीतीश कुमार के 15 साल के विकास की खूब चर्चा की, लेकिन इसी दौरान उनके निशाने पर लालू यादव आ गए. ललन सिंह ने तेजस्वी यादव के रोजगार और उद्योग धंधे का मुद्दा उठाने पर पलटवार करते हुए लालू यादव के शासन का जिक्र करते हुए विवादास्पद हमला बोला है. ललन सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने लालू यादव के शराबबंदी को लेकर दिए बयान पर भी निशाना साधा. ललन सिंह ने कहा कि अब लालू जी शराबबंदी का विरोध कर रहे हैं, लेकिन फोटो खिंचवाने में आगे थे, धकिया के नीतीश जी के बगल में खड़े हो गए थे ताकि फोटो में आ सके.
कौन-कौन लोग शराब के गोरखधंधे में शामिल हैं यह सभी जानते हैं. शराबबंदी से पूरा माहौल भी शांत हो गया है. लोगों के बारात भी अब शांति से लग जा रहे हैं. ललन सिंह ने यह भी कहा कि लालू जी अपनी करनी का फल जिस विभाग की वजह से भुगत रहे हैं, नीतीश जी को उसी पशुपालन विभाग की वजह से अवार्ड मिला. लेकिन, लालू जी ने पशुओं का चारा खाने का काम किया और जेल चले गए.
Source : News18