सुनील सिंह/संभल: संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. उन्होंने यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट और जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बयान दिया है. धर्मांतरण रैकेट के भंडाफोड़ को बर्क ने भाजपा की पॉलिसी बताया है.
शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत पैदा करने वाली पॉलिसी बनाती है, जिससे उसे चुनाव में अधिक वोट मिले. उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव भी नजदीक है. धर्मांतरण के मामलों से मुस्लिम जमातों को जोड़ना सही नहीं है. इससे मुल्क के हालात खराब होंगे.
कितने बच्चे पैदा होंगे यह ‘निजाम-ए-कुदरत’ है
वहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी सांसद बर्क ने कहा कि कितने बच्चे पैदा होंगे, यह निजाम-ए-कुदरत है. कुदरत पर रुकावट डालने का हमें कोई हक नहीं है. इससे पहले बर्क ने कोरोना को बीमारी मानने से इनकार करते हुए इसे आसमानी आफत बताया था.
कोरोना आसमानी आफत बता चुके हैं सपा सांसद
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुुछ दिनों पहले संभल से सपा सांसद बर्क ने कहा था कि कोरोना कोई बीमारी है ही नहीं. कोरोना अगर बीमारी होती तो इसका इलाज होता. मोदी सरकार ने सात साल में शरीयत के साथ जो छेड़छाड़ की है, यह उसकी देन है. आसमानी आफत है. अल्लाह के सामने रोकर, गिड़गिड़ाकर माफी मांगने से ही कोरोना खत्म होगा.
यूपी एटीएस ने किया धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश एटीएस ने 21 जून को दो मौलानाओं मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था. ये दोनों देश में धर्मांतरण कैम्पेन चलाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड हैं. उमर ने खुद कबूला है कि उसने अब तक 1000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराकर उन्हें मुसलमान बना चुका है.
वह खुद भी हिंदू था. उसका नाम श्याम सिंह गौतम था, उसने इस्लाम अपनाने के बाद अपना नाम मोहम्मद उमर गौतम रख लिया. जहांगीर कासमी धर्मांतरण के काम में उमर का सहयोग करता है. दोनों फिलहाल एटीएस की रिमांड पर हैं. ये दोनों दिल्ली के जामिया नगर में रहते हैं. इनका गिरोह मूक-बधिर बच्चों, बेसहारा महिलाओं और गरीबों को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाता था.
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर गंभीर है योगी सरकार
वहीं जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार गंभीर दिख रही है. राज्य विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून के ड्राफ्ट पर काम कर रहा है. जल्द ही इसे मंजूरी देने के लिए शासन के पास भेजा जाएगा. चर्चाएं चल रही हैं कि उत्तर प्रदेश में टू चाइल्ड पॉलिसी लागू हो सकती है. दो से ज्यादा बच्चे करने वाले अभिभावकों को सरकारी नौकरी और योजनाओं में कटौती का सामना करना पड़ सकता है.
Source : Zee News