तिरहुत प्रमंडल स्नातक विधान परिषद उप चुनाव के प्रत्याशी राजेश कुमार रौशन का रविवार की सुबह निधन हो गया। कुढ़नी के सुस्ता माधोपुर स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजनों ने हार्ट अटैक होने से मौत होने की जानकारी दी है।

बताया गया की वो पूरी तरह से स्वस्थ थे. नामांकन के बाद से चुनावी गतिविधि मे मसगुल थे. रविवार की सुबह वो अपने घर से पड़ोस मे स्तिथ कार्यालय पर गये. वहा लोगो से मुलाक़ात की. फोन पर टहल टहल कर बात कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें अचानक सीने मे दर्द महसूस हुआ उन्होंने इस बात का जिक्र भी किया, कहा तबियत ठीक नहीं लग रही है सीने मे दर्द महसूस हो रहा है यह कहते कहते वो जमीन पर बैठ गये और अचेत हो गये।

स्थानीय लोगो की मदद से परिवार के लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जँहा डॉक्टरों ने बताया की रास्ते मे ही उनकी सांस उखर गई है, उनका देहांत हो गया है. खबर सुनते ही परिजनों मे चित्कार मच गया ।

सुचना आग की तरह इलाके मे फ़ैल गई. इसके बाद उनके शुभचिंतकों के द्वारा उनके घर पर जाकर उनके परिवार के लोगों को सांत्वना दी जा रही है। सभी दलों के नेता व सामाजिक कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं।

बता दे की दो दिन पूर्व ही शुक्रवार के दिन राजेश रौशन ने तिरहुत स्नातक विधान परिषद पद के लिए नामांकन किया था। राजेश रौशन भाजपा के नेता थे और सच्चिदानंद सिन्हा विचार मंच के संस्थापक थे. वह विधान परिषद का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी और गठबंधन से उन्हें मौका नहीं दिया. यह सीट गठबंधन के तहत जदयु के खाते मे चली गई थी. जिसके बाद पार्टी से बगावत करते हुए राजेश रौशन ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन प्रचा दाखिल किया था।

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