बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आयोग द्वारा यह तय कर दिया गया है कि किसी भी प्रत्याशी का नाम उस चुनाव क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल है तो वह उस प्रखंड के किसी भी ग्राम पंचायत से मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति के सदस्य का चुनाव लड़ सकेंगे. आयोग द्वारा ग्राम पंचायत के सदस्य और 6 पदों के प्रत्याशियों के लिए चुनाव क्षेत्रों, उम्र सीमा और नामांकन शुल्क की फीस भी जारी कर दी गई है. पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का नाम मतदाता सूची में होना अनिवार्य है.

निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार, ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम कचहरी के पद के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी उस ग्राम पंचायत के उसी वार्ड से भी चुनाव लड़ सकता है, जिस निर्वाचन क्षेत्र की सूची में उसका नाम दर्ज है. पंचायत समिति के सदस्य प्रखंड के किसी भी चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ने का हकदार होगा. जिला परिषद का सदस्य चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी का नाम जिला के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए.

प्रत्याशियों के लिए नामांकन शुल्क तय

राज्य निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंचायत चुनाव के विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की उम्र सीमा 21 वर्ष होनी चाहिए. ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नामांकन शुल्क को भी आयोग ने तय कर दिया है. ग्राम कचहरी पंच और ग्राम पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों के नामांकन का शुल्क 250 रुपया रखा गया है. इसी पद की महिला प्रत्याशी और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की महिला का नामांकन शुल्क 50 फीसदी कम यानी 125 रुपये रखा गया है.

निर्वाचन आयोग बना रहा यह रिपोर्ट

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर सभी जिलों को नए नगर निकायों के अस्तित्व में आने के बाद बच गए बच गए पंचायतों की मौजूदा रिपोर्ट तैयार कर आयोग को तत्काल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. दरअसल, नए नगर निकायों के गठन के बाद ग्राम पंचायत, ग्राम कचहरी और पंचायत समिति के साथ ही जिला परिषद के निर्वाचन क्षेत्रों में बदलाव आया है.

Input: News18

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