देश के लिए मार्च 2016 में आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी फ्रॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। टीम इंडिया से इतने लंबे समय तक दूरी के बाद यह तय था कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का अंत हो चुका है। वही हुआ भी। लेकिन भज्जी के संन्यास की टाइमिंग ने उनकी अगली पारी को लेकर अटकलों को तेज कर दिया है।

हरभजन सिंह ने संन्यास की घोषणा ऐसे समय पर की है, जब कुछ ही महीने के बाद उनके गृहराज्य पंजाब में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और 9 दिन पहले ही उनकी मुलाकात पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ हुई थी। बात सिर्फ इतनी होती तो अटकलों को इतना बल नहीं मिलता, लेकिन मुलाकात के बाद सिद्धू ने ट्विटर पर तस्वीर साझा करते हुए जो लिखा, उससे यह काफी हद तक साफ हो गया है कि टर्बनेटर टीम इंडिया की जर्सी उतारने के बाद जल्द ही राजनीतिक चोला पहन सकते हैं।

सिद्धू ने हरभजन के साथ मुलाकात के बाद ट्विटर पर लिखा था, ”संभावनाओं से भरी हुई तस्वीर… चमकते सितारे भज्जी के साथ।” सिद्धू ने जिन संभावनाओं की ओर उस दिन इशारा किया था वह जल्द ही सामने आ सकता है। इस मुलाकात के बाद अब भज्जी के संन्यास से लगभग यह तय माना जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में भज्जी कांग्रेस की ओर से विरोधियों के सामने ‘दूसरा-गुगली’ फेंककर ‘मैच’ जितवाने की कोशिश कर सकते हैं।

2-3 दिन में ले सकते हैं फैसला
हरभजन ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उनके भविष्य के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘साफ बताऊं तो मैं नहीं जानता कि आगे क्या होगा। मैं किस दिशा में आगे बढ़ना चाहता हूं, यह जानने के लिए दो तीन दिन चाहिए। हां, मैं समाज को वापस करना चाहता हूं। अगर मैं राजनीति से जुड़ता हूं तो कैसे या किस तरह से, मुझे इन चीजों पर भी गौर करने की जरूरत होगी क्योंकि मेरा मुख्य लक्ष्य लोगों की मदद करना है, अगर मैं राजनीति में उतरने का फैसला करता हूं तो।’

भज्जी से कांग्रेस को फायदा?
367 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 711 विकेट चटका चुके भज्जी लगभग दो दशक के क्रिकेट करियर में अकेले दम पर दर्जनों मैच जितवा चुके हैं। वह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। क्रिकेट के मैदान से दूर होने के बाद भी हरभजन सोशल मीडिया और टीवी कार्यक्रमों के जरिए लगातार चर्चा में बने रहते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पंजाब में इस बार कांग्रेस के सामने कड़ी चुनौती है। उसे एक तरफ पार्टी में गुटबाजी से लड़ना है तो दूसरी तरफ अकाली दल के अलावा आम आदमी पार्टी और बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस का सामना करना है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को कुछ ऐसे चेहरों की तलाश है जो जिनकी युवाओं के बीच अच्छी पकड़ हो। पार्टी को उम्मीद है कि अक्सर चेहरे पर हंसी रखने वाले हरभजन युवा वोटरों को खींच सकते हैं और कांग्रेस का किला बचाने में मदद कर सकते हैं।

Input : Live hindustan

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