सर्कुलर में कहा गया है कि ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ियों की चेकिंग नहीं करेंगे, खासतौर पर जहां चेक नाका हो, वो सिर्फ ट्रैफिक की मॉनिटरिंग करेंगे और इस पर फोकस करेंगे कि ट्रैफिक सामान्य रूप से चले. वो किसी गाड़ी को तभी रोकेंगे जब उससे ट्रैफिक की रफ्तार पर कोई फर्क पड़ रहा हो.
दरअसल, अक्सर देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ संदेह के आधार पर कहीं भी गाड़ियों को रोककर उनके बूट और गाड़ी के अंदर की जांच करने लग जाते हैं. जिससे उस सड़क पर ट्रैफिक प्रभावित होता है.
CP नागराले की ओर से ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जारी इस सर्कुलर में सभी यातायात पुलिस को गाड़ियों की जांच करने से रोकने के लिए कहा गया है क्योंकि सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ रहा है, उन्हें ट्रैफिक की आवाजाही पर निगरानी रखने को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा गया है. सर्कुलर में ये कहा गया है कि अगर मोटर चालक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो उन्हें यातायात पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोपित कर सकती है.
उन्हें वाहनों की किसी भी तरह की जांच में शामिल नहीं होना चाहिए. यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिसकर्मियों की ओर से संयुक्त नाकाबंदी के दौरान यातायात पुलिस केवल यातायात उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करेगी और वाहनों की जांच नहीं करेगी. अगर इन निर्देशों को सख्ती से लागू नहीं किया जाता है, तो संबंधित यातायात चौकी के वरिष्ठ निरीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने साफ किया कि यातायात पुलिस को संदेह के आधार पर वाहनों के बूट की जांच नहीं करनी चाहिए और न ही उन्हें रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे जवान पहले की तरह यातायात अपराधों के खिलाफ चालान जारी रखेंगे और यातायात उल्लंघन करने वालों को रोकेंगे.
Source : Zee news