विश्व के महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया। गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के कई सुनहरे अध्याय लिखने वाले 39 वर्ष के धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया। धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ”अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद। शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिए.
जिसके बाद उनके फैंस उदास हो गए, सारे फैंस के की दिली ख्वाइश थी एक फेयरवेल मैच उनके पसंदीदा खिलाड़ी का होना चाहिए. जिसके बाद अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी को युवाओं का प्रेरणा स्रोत बताया है। हेमंत सोरेन ने तो उनके लिए रांची में एक फेयरवेल (विदाई) मैच कराने का खुला प्रस्ताव भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को दिया है।भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ”देश और झारखंड को गर्व और उत्साह के अनेक क्षण देने वाले माही ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। हम सबके चहेते झारखंड के लाल माही को नीली जर्सी पहने अब नहीं देख पाएंगे, लेकिन देशवासियों का दिल अभी भरा नहीं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ”मैं मानता हूं, हमारे माही का एक फेयरवेल मैच रांची में हो जिसका गवाह पूरा विश्व बने।
ज्ञात हो की धोनी ने भारत के लिए आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले साल जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल खेला था। विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धोनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रन आउट हो गए थे । उस मैच के बाद वह लंबे ब्रेक पर चले गए थे और पिछले एक साल से उनके संन्यास को लेकर लग रही अटकलों पर कोई जवाब नहीं दिया। ‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है। भारत के लिए उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले।