आज से करीब 4 दशक पहले मेरे आसपास के लोगों ने लता मंगेशकर की महानता को साबित करने के लिए मुझे बताया कि अमेरिकी सरकार ने लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar) का गला खरीद लिया है. लताजी के मरने के बाद उस पर अमेरिका (America) में रिसर्च होगा ( Reserch Of Vacal Card) कि लता जी के आवाज में इतनी माधुर्य क्यों और कैसे है? किसी भी कालखंड में पैदा हुए महान लोगों की महानता को साबित करने के लिए इस तरह की किवदंति कथाएं प्रचलित हो जाती हैं. इसलिए किसी भी महान शख्सियत की महानता को नापने का एक बहुत बड़ा पैमाना उनके बारे में तमाम किवदंति कथाओं के प्रचलित होने को भी जरूर माना जाना चाहिए. तमाम वीर योद्धाओं, न्यायप्रिय राजाओं, चतुर मंत्रियों , प्रख्यात लेखकों, महाकाव्य के रचयिताओं के बारे में उनके जीवन से जुड़ी किवदंती कथाएं भी उतनी है प्रचलित रही हैं. इसी तरह पिछली पांच पीढ़ियों में बराबर लोकप्रिय रहीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में भी उनके जीवन से जुड़ी किवदंति कथाएं इतनी तरह की हैं कि जो उन्हें महान से महानतम बनातीं हैं. ये किवदंतिया ऐसे ही जन्म नहीं लेती हैं. दरअसल जनमानस में जब किसी के लिए ऐसा भाव पैदा होने लगता है जिसे सोचकर लोगों को लगता है कि इसमें कुछ ऐसा है जो सामान्य मानव में नहीं हो सकता है. मतलब आम जनमानस से कुछ ऊपर का है इसमें, कुछ ईश्वरीय गुण लिए हुए .

लता मंगेशकर के बारे में भी ऐसे ही कई दर्जन किवदंतिया हैं जिन्हें हमने अपने बचपन से सुना है. किवदंतियों का कोई आधार नहीं होता, वे कितनी सत्य हैं इसका भी मतलब नहीं होता . जनमानस इसकी चर्चा करके अपने उस महान नायक को अपने मन में ईश्वर के बराबर या यों कहें से अपने से इतर , अपने से और जनमानस से उच्चतर साबित करके अपने अहं को संतुष्ट करता है.

क्या वास्तव में लता जी का गला अमेरिका ने खरीदा था

लता मंगेशकर के गले की सुरीली आवाज के जादू के पीछे का रहस्य क्या है ये भारतीय जनमानस के लिए शुरू से ही उत्सुकता का विषय रहा है. इसके बारे में तरह के किस्से लोगों के बीच में सुने जाते रहे हैं. इसमें सबसे मशहूर किस्सा रहा है कि अमेरिका ने लता मंगेशकर का गला कई लाख डॉलर देकर खरीद लिया है. जो उनके मरने के बाद उनके गले पर रिसर्च करेंगे कि आखिर उनके गले में कौन सी ऐसी खासियत है जो उनकी आवाज इतनी सुरीली निकलती है. करीब 4 दशक पहले मेरा बाल मन इस बात को कभी स्वीकार नहीं कर पाया . बचपन में मेरा जिज्ञासु मन कितने ही लोगों से यह जानने की कोशिश किया कि इस बात में कितनी सच्चाई है. आज मैंने गूगल किया तो पता चला कि अभी भी बहुत लोगों को यह जिज्ञासा है कि इस बात में कितनी सच्चाई है. 4 दशक पहले जो बात मुझे गांव के लोगों ने लता मंगेशकर को महान साबित करने के लिए बताई थी उसको लेकर अब भी लोगों में जिज्ञासा बरकरार है और लोग गूगल की तमाम क्वैश्चन एंसर वाली वेबसाइटों पर इस सवाल को पुछते हैं . इस तरह की किवदंतिया कैसे जन्म लेती हैं ये कोई नहीं जानता. मोहम्मद रफी के बारे में भी एक ऐसी ही किवदंती सुनी जो बाद में हकीकत से कोसों दूर निकली. गांव में किसी ने मुझे बताया था कि एक बार नौशाद साहब को ट्रेन पकड़नी थी वो लेट हो रहे थे. प्लेटफार्म पर हड़बड़ी में उनका पैर एक सोए हुए भिखारी से टकरा गया. नौशाद साहब के आगे बढ़ते ही भिखारी ने गाते हुए कहा कि अरे जाने वाले… . नौशाद साहब ने आवाज सुनते ही अपनी यात्रा कैंसल कर दी. भिखारी को स्टूडियो ले आए जो बाद में मुहम्मद रफी बन गया. हमारे नायकों के बारे में ऐसी किवदंतियां उनके सम्मान के चलते ही निकल कर आती रही हैं.

पाकिस्तान ने कहा कि लता मंगेशकर दे दो कश्मीर ले लो

दशकों से एक और किस्सा आपने सुना होगा कि पाकिस्तान की तरह से यह डिमांड आई थी लता मंगेशकर हमें दे दो और पूरा कश्मीर हमसे ले लो. कहा जाता है कि ऑल इंडिया रेडियो को एक लेटर दिया गया था. इस लेटर में लता मंगेशकर को लेकर कहा गया था कि ‘हिंदुस्तान कश्मीर रख ले, लेकिन लता मंगेशकर को पाकिस्तान को दे दिया जाए. दरअसल में लता मंगेशकर की आवाज के दिवाने हिंदुस्तान में ही नहीं पाकिस्तान में भी उतना ही रहे हैं. उनके दुनिया छोड़कर जाने का गम पाकिस्तान में भी है. पाकिस्तान से भारत से भारत आने वाले तमाम लोगों के लिए लता जी हमेशा से सेंटर आफ अटरेक्शन रही हैं. लताजी के चाहने वालों में पाकिस्तान की सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि कई दिग्गज सिंगर भी शामिल थे. इस लिस्ट में सबसे ऊपर महान गायिका नूरजहां का नाम रहा है. एक बार नूरजहां ने कहा था कि लता मंगेशकर एक है, उन जैसा आज तक कोई पैदा नहीं हुआ है.

देश की पहली पैन इंडिया शख्सियत

कुछ राजनीतिक हस्तियों को छोड़ दिया जाए तो देश की पहली पैन इंडिया शख्सियत लता मंगेशकर रही हैं. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर अरुणांचल तक जिस शख्सियत को लोग जानते थे, पहचानते थे वो केवल लता मंगेशकर ही थीं. उन्होंने देश की करीब सभी भाषाओं में गाने गाए. जब अमिताभ बच्चन का फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री भी नहीं हुई थी. गावस्कर और सचिन को कोई जानता भी नहीं था लता मंगेशकर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के दिलों पर राज कर रही थीं.

उनको श्रद्धांजलि देते हुए नोएडा के पत्रकार विनोद शर्मा ने कहा कि पूरे देश में पोस्टबॉक्स , कांग्रेस पार्टी और लता मंगेशकर ये तीन चीजें ऐसी रहीं कि जिन्हें पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण सभी लोग जानते पहचानते थे. मोबाइल ने पोस्ट बॉक्स की जगह ले ली, बीजेपी ने कांग्रेस की जगह ले ली. पर लता जी की जगह कौन लेगा यह दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता.

Source : Tv9 bharatvarsh

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