पटना: बिहार की चारों स्मार्ट सिटी की गाड़ी देर से ही सही पटरी पर आने तो लगी है, मगर मुश्किल यह है कि करने के लिए काम बहुत ज्यादा हैं और समय कम। भागलपुर स्मार्ट सिटी का पांच साल का कार्यकाल तीन माह में खत्म होने वाला है। इसी तरह पटना और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के पास भी महज डेढ़ साल का समय बचा है। बिहारशरीफ की स्थिति अपेक्षाकृत ठीक है। सबसे आखिरी में चुने जाने के बावजूद राशि आवंटन के हिसाब से यहां बेहतर काम हुआ है।
स्मार्ट सिटी की गाड़ी सबसे तेजी से पिछले तीन माह में आगे बढ़ी है। चारों स्मार्ट सिटी का न केवल एरिया बेस्ड डेवलमेंट (एबीडी) इलाका लगभग दोगुना किया गया है, बल्कि लगभग 50 फीसद योजनाओं पर काम भी शुरू हो गया है।
दरअसल, पहले स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर प्रमंडलीय आयुक्त हुआ करते थे मगर स्मार्ट सिटी की धीमी गति को देखते हुए राज्य सरकार ने यह जवाबदेही नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को दे दी। इसके बाद सचिव आनंद किशोर ने सभी स्मार्ट सिटी में मार्च तक 70 फीसद काम शुरू करने का टास्क दिया।
मुजफ्फरपुर में 17 प्रोजेक्ट का वर्क ऑर्डर
मुजफ्फरपुर का स्मार्ट सिटी के लिए जून, 2017 में चयन हुआ मगर पिछले साल तक यहां एक भी बड़ी परियोजना पर काम शुरू नहीं हो पाया था। अब तक तीन माह में करीब 17 प्रोजेक्ट का वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है। इसमें स्मार्ट रोड नेटवर्क, शॉपिंग मार्ट, पेरिफेरल रोड नेटवर्क, मुजफ्फरपुर के सौंदर्यीकरण, स्मार्ट मिनी बस और ई-रिक्शा आदि का काम शामिल है। स्टेडियम जीर्णोद्धार के लिए इसी 22 मार्च को भूमि पूजन है। सीवेज और मल्टी लेवल पार्किंग का भी डीपीआर फाइनल है। इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर का काम शुरू हो गया है।
भागलपुर में पैसे ज्यादा, काम कम
भागलपुर बिहार का पहला शहर था, जिसे स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया। मई, 2016 में इसे स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया मगर चार साल से अधिक समय बीतने के बावजूद महज 60 करोड़ रुपये की दो परियोजनाएं ही शुरू हो पाई थीं। आखिरी साल में भागलपुर जागा। फिलहाल यहां इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर का काम शुरू हो गया है। सॉफ्टवेयर और कैमरा के लिए टेंडर निकाला गया है। भैरवा तालाब का डीपीआर तैयार है। जनसुविधा केंद्र को लेकर डीएम जगह चिह्नित कर रहे हैं। भागलपुर के लिए सबसे बड़ी चुनौती आखिरी के तीन माह में आवंटित राशि खर्च करनी है।
पटना और बिहारशरीफ में दिखने लगा काम
स्मार्ट सिटी के लिए पटना को वर्ष 2017 और बिहारशरीफ को वर्ष 2018 में चुना गया मगर काम के मामले में यह दोनों शहर ज्यादा आगे दिख रहे हैं। बिहारशरीफ ने स्मार्ट सिटी के लिए मिली राशि का सबसे अधिक इस्तेमाल किया है। यहां इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए डीपीआर हो गया है। स्मार्ट रोड का काम शुरू है। स्मार्ट बस स्टैंड के लिए भी डीपीआर बनाया जा रहा है।
गांधी मैदान के पास बनेगी अंडरग्राउंड पार्किंग
पटना में नए काम का जिक्र करें तो दीवारों पर थ्री डी पेंटिंग के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। अदालतगंज तालाब का काम लगभग फाइनल है। यहां ब’चों के लिए झूला और फाउंटेन का काम चल रहा है। गांधी मैदान में सुभाष पार्क के पास अंडर ग्राउंड पार्किंग बनाने की योजना है। इसका वर्क ऑर्डर जल्द जारी किया जा सकता है। पांच अन्य जगहों पर पार्किंग बनाने के लिए भी जगह का चयन कर लिया गया है।
इनपुट : जागरण