_बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव सहित मुजफ्फरपुर के डीएम एवं एसएसपी हुए तलब_
_एन.एच.आर.सी. ने निर्देश की प्रति मुख्य सचिव बिहार सरकार व डीजीपी को भेजा_
_मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा की याचिका पर आयोग में चल रही है सुनवाई_
मुजफ्फरपुर- जिले के चर्चित किडनी कांड मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अब सीधे-सीधे बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को उच्च प्राथमिकता के आधार पर पीड़िता के किडनी के शीघ्र प्रत्यारोपण और चिकित्सा उपचार के लिए पर्याप्त कदम उठाने का निर्देश दिया है तथा छह सप्ताह के अंदर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही साथ आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर अनुपालन रिपोर्ट ससमय प्रस्तुत नहीं किया गया तो आयोग, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम – 1993 की धारा – 13 के तहत कठोर कार्रवाई करने को बाध्य होगा।
इसके साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरपुर से अनुसन्धान की वर्तमान स्थिति व जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर से पीड़िता को मुआवजा दिए जाने व पीड़िता के बच्चों के पूनर्वास की दिशा में पर्याप्त कदम उठाने से जुडी रिपोर्ट की माँग की है। मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि यह मामला मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का मामला है, इस मामले में बिना विलम्ब किये हुए बिहार सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश का अनुपालन करते हुए पीड़ित महिला के किडनी प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए जिससे पीड़ित महिला की जान बच सके।