मुजफ्फरपुर, गुरुवार को मुकेश सहनी ,माननीय मंत्री पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार -सह- प्रभारी मंत्री मुकफ्फरपुर की अध्यक्षता में बाढ़ एवं अतिवृष्टि एवं आपदा संबंधी सहायय कार्यों की समीक्षत्मक बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि आपदा से प्रभावित परिवार को नियमानुसार अनुदान की राशि मुहैया कराना सुनिश्चित की जाए ।इस क्रम में कोई भी योग्य लाभुक वंचित न हो। जिलाधिकारी ने बाढ़ राहत बचाव, जी आर राशि का वितरण, कोविड-19 को दिए जाने वाले अनुदान के अतिरिक्त अन्य बिंदुओं से सबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी मुहैया कराई। माननीय मंत्री ने आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य विभाग ,कृषि, पशुपालन ,मत्स्य ,पीएचइडी, ग्रामीण कार्य विभाग ,पथ प्रमंडल ,विद्युत इत्यादि विभागों की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश उनके द्वारा दिए गए।
बैठक में आपदा प्रबंधन द्वारा जानकारी दी गई :–
मुजफ्फरपुर जिला बहु-आपदा प्रभावित जिला है तथा जिले में बाढ़ प्रमुख आपदा है। इस वर्ष मानसून काल में जिले में 02 गुनी वर्षा (मई-512.55 प्रतिशत, जून-192.5 प्रतिशत, जुलाई-72 प्रतिशत, अगस्त-200.79 प्रतिशत तथा सितम्बर-14.03 प्रतिशत) वर्षा हुई है। नेपाल के पर्वतीय एवं तराई क्षेत्रों में भी अत्याधिक वर्षा होने से जिले की नदियाँ- बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, लखनदई एवं मनुषमारा आदि नदियों के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि हुई। इस वर्ष बागमती नदी का उच्चतम जलस्तर दिनांक-04.07.2021 को 57.30 मी0, (खतरे का निशान-55.23), बूढ़ी गंडक का उच्चतम जलस्तर दिनांक-12.07.2021 को 53.63 मी0 (खतरे का निशान-52.53), तथा गंडक नदी का उच्चतम जलस्तर दिनांक-20.06.2021 को 54.81मी0, (खतरे का निशान-54.41) रहा। वर्तमान में जिले की सभी नदियों का जलस्तर सामान्य बना हुआ है तथा मौसम सामान्य है।
जल संसाधन विभाग
प्रतिवेदन अनुसार, वर्तमान में जिले के सभी मुख्य तटबंध सुरक्षित हैं तथा जिले में बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल-बागमती, गंडक, गंडक, बूढ़ी गंडक एवं जल निस्सरण द्वारा 192 से अधिक संवेदनशील एवं आकाम्य बिन्दुओं पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्यां के फलस्वरूप जिले में नदियों का जलस्तर 20 दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर रहने के बावजूद तटबंध सुरक्षित रहे तथा नदियों का पानी केवल जल ग्रहण क्षेत्रों तक सीमित रहा। जिले में बागमती एवं लखनदेइ नदी से संबंधित 22 कि0मी0 बांध के निमार्ण हेतु डी0पी0आर0 बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल, बागमती, रून्नी सैदपुर द्वारा भेजी गई है, यदि इसकी स्वीकृति हो जाती है तो जिले के तीन प्रखण्ड- औराई, कटरा, गायघाट को बाढ़ से सुरक्षित किया जा सकता है।
आपदा प्रबंधन विभाग
जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, मुजफ्फरपुर द्वारा बाढ़ के न्यूनीकरण, प्रबंधन तथा प्रत्युत्तर हेतु कार्य योजना का निर्माण किया गया है। विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया को दृष्टिगत रखते हुए प्रशाखा द्वारा पूर्व से ही सभी बिन्दुओ पर अपेक्षित कार्रवाई की गई तथा प्रमुख विभागों एवं हितभागियों का प्रशिक्षण आयोजित कराया गया है। फिर भी, इस वर्ष अतिवृष्टि एवं नेपाल से आने वाली नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से अबतक जिले में 13 प्रखण्डों की कुल 162 पंचायते (39 पूर्ण तथा 123 आंशिक) व कुल 930 वार्ड प्रभावित हुए। प्रभावित प्रखण्डों के नाम कटरा, औराई, गायघाट, बोचहाँ बंदरा, काँटी, मोतीपुर, मुरौल, मीनापुर, मुशहरी, सरैया, सकरा एवं पारू है। बाढ़ से इन प्रखण्डों में अब तक कुल 480784 जनसंख्या प्रभावित हुई है। बाढ़ में अब तक 233 झोपड़ी, पशु शेड- 102 क्षतिग्रस्त हुए हैं, शेष क्षति का व्यापक रूप से आकंलन कराया जा रहा है। बाढ़ में पशुक्षति 05 प्रतिवेदित है व मानव क्षति शून्य है। यदपि इस वर्ष मानसून अवधि में स्थानीय प्रकृति आपदा के अर्न्तगत 98 लोगों की मृत्यु डूबने से हुई है। जिले में राहत एवं बचाव कार्य के दृष्टिगत एन0डी0आर0एफ0 एवं एस0डी0आर0एफ0 की 1-1 टीम प्रतिनियुक्त है तथा जिले में 64 सरकारी व सरकारी तौर पर 286 निजी नावों का संचालन कर कुल 111502 व्यक्तियों को निष्क्रमित किया गया है। वर्तमान में 127 नावों का संचालन प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है। जिले में अब तक 205 सामुदायिक किचन का संचालन किया गया है जिसके माध्यम से 2259824 मील्स भोजन उपलब्ध करया गया है। बाढ़ प्रभावित 83462 परिवारों को अब तक 6000 रू की अनुग्राहिक राशि डी0बी0टी0 के माध्यम से बैंक खातों में अंतरित की गई है।
कृषि विभाग
जिले में हुई अत्यधिक वर्षा से जिले के 16 प्रखण्डों में कुल अच्छादित फसल का क्षेत्र 147983.49 है, इस प्रकार 69.53 क्षेत्रफल बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित हुआ है। 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति का क्षेत्रफल 79889.74 है जो कुल अच्छादित क्षेत्रफल का 53.98 प्रतिशत है। 337 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति के आधार पर कृषि विभाग के अनुमोदन के पश्चात प्रभावित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस वर्ष खरीफ सीजन में 147721.35 हे0 कृषि क्षेत्रफल अच्छादित रहा तथा परती भूमि का रकबा 44171.14 हे0 रहा। जिले में आकस्मिक फसल योजना तैयार कर ली गई है तथा आवश्यक बीज/अधिचाचना विभाग से कर ली गई है। किसानो को वैकल्पिक फसलों तथा फसल संवर्धन पर आवश्यक सलाह दी जा रही है।
मत्स्य संसाधन विभाग
प्रतिवेदनानुसार, मत्स्य की दृष्टि से 118 पंचायतें आंश्कि रूप् से तथा 33 पंचायतें पूर्ण रूप से प्रभावित हुई है। मछली जीरा फार्म का रकबा 30.00 हे0 तथा क्षति का मूल्य 246000 रूपये है। प्रभावित तालाबों में गाद हटाने का रकबा 94.5 हे0 है जिस हेतु 1152900 की आवश्यक राशि का प्रारंभिक आंकलन किया गया है। क्षतिग्रस्त नावों/जाल आदि के बारे में मछली पालकों, मछुआरों एवं नाविकों से आवेदन मांगे जा रहे है।
ग्रामीण कार्य विभाग
ग्रामीण कार्य विभाग के प्रतिवेदन के अनुसार दोनों प्रमण्डल में कुल 733 सड़कें बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित हुई है।प्रभावित सड़कों की लम्बाई 682483 मी0 (682.483 कि0मी0) है। अब तक 157 सड़कों की मरम्मति कर ली गई है, 36 सड़को ं पर कार्य प्रगति में है तथा 540 सड़कों पर जलजमाव के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।
पथ निमार्ण विभाग
पथ निमार्ण विभाग के अनुसार जिले में कुल 32 बिन्दुओं पर सड़कें बाढ़/अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई है। क्षतिग्रस्त सड़क की लम्बाई 20795 मी0 (20.795 कि0मी0) है। अब तक 08 बिन्दुओं पर सड़क की मरम्मति कर ली गई है। 07 बिन्दुओं पर सड़क मरम्मति कार्य प्रगति पर है व 17 बिन्दुओं पर जलजमाव होने के कारण मरम्मति कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है।
विद्युत क्षति
जिले में बाढ़ से 100 के0वी0ए0 के 03, 63 के0वी0ए0 के 03, 78 बिजली के खम्भे तथा 07 कि0मी0 का कंडक्टर क्षतिग्रस्त हुआ है। क्षति का प्रारम्भिक आंकलन 2950560.38 रू0 है।
स्वास्थ्य विभाग
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 09 मोबाईल चिकित्सा दल/शिविर का संचालन किया गया, शिविर के माध्यम से 21772 व्यक्तियों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। प्रभावित क्षेत्रों में 71302 हैलोजन टैबलेट का वितरण किया गया है व 5934 कि0ग्रा0 ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है। साथ ही, 102371 ओ0आर0एस0 पैकेट का वितरण किया गया है। जिले में अबतक तक 2003978 व्यक्तियों का टीकाकरण कराया गया है।
पशु पालन विभाग
प्रतिवेदन के अनुसार, बाढ़/अतिवृष्टि से अब तक 12380 पशु प्रभावित हुए है। पशु चिकित्सा दल की संख्या 39 है। अब तक 12592 पशुओं का उपचार किया गया। अब तक 410.80 क्विंटल पशुचारा/भूसा वितरित किया गया है।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग
प्रतिवेदनानुसार बाढ़/अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में 69 चापाकल, 255 शौचालय अधिष्ठापित किए गए है। बाढ़ राहत कार्यों में 09 जल टैंकर, 02 जलदूत, 25 जरीकेन एवं 25 सेनटेक्स का संचालन किया गया है। जिले में 16 चापाकल विसंक्रमण/मरम्मति दल कार्ररत है।
नगर निगम, मुजफ्फरपुर
नगर निगम, मुजफ्फरपुर से सभी 49 वार्डों में कूड़ा उठाव एवं साफ-सफाई कार्य किया जा रहा है तथा रोहनिया डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। निगम क्षेत्र में 03 स्थलों पर डिसेंट्रलाइज्ड कंपोस्टिंग द्वारा गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही है। जल जमाव की समस्या का समाधान तीव्र गति से किया जा रहा है तथा प्रभावित क्षेत्र में संचारी रोगों के रोकथाम के मद्देनजर एंटी लार्वा, ब्लीचिंग पाउडर, चूना तथा सैनेटाइजेशन कार्य किया जा रहा है।
बैठक में उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ,अपर समाहर्ता आपदा डॉ अजय कुमार ,नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय,सहायक समाहर्ता श्रेष्ठ अनुपम के साथ विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।