बाढ़- 2020 के कारण जिले में क्षतिग्रस्त सड़कों की अद्यतन स्थिति एवं उसे दुरुस्त करने को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में तकनीकी विभागों के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आहूत की गई जिसमें बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए सड़को, उनकी संख्या, सड़कों की मरम्मति, उन सड़कों पर यातायात की स्थिति इत्यादि को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई और इस संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया।

जिलाधिकारी ने विभिन्न विभाग के कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त सड़कों को चिन्हित करते हुए तत्काल उसकी मरम्मती कराते हुए उसे मोटरेबल बनाना सुनिश्चित किया जाय ताकि आगमन सुगम हो सके । बैठक में आरसीडी-01, आरसीडी-02, ग्रामीण कार्य विभाग पश्चिमी, ग्रामीण कार्य विभाग पूर्वी-01 और ग्रामीण कार्य विभाग पूर्वी-02 के द्वारा बताया गया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों एवं उसकी स्थिति से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों को तत्काल मरम्मत करते हुए उसे दुरुस्त किया जाए ताकि आम लोगों को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो सके।

बैठक में आरसीडी-01 के कार्यपालक अभियंता के द्वारा बताया गया कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त 24 सड़को में से 22 को दुरुस्त करा लिया गया है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 2 से 3 दिनों के अंदर शेष सड़कों की मरम्मती करा कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।आरसीडी -02 के द्वारा जानकारी दी गई कि कुल क्षतिग्रस्त सड़कों की संख्या 14 है जिसमें चार को पूर्ण करा लिया गया है। 8 सड़कों पर कार्य किया जा रहा है।दो पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। ग्रामीण कार्य विभाग पूर्वी -01 के द्वारा बताया गया कि बाढ़ के पानी के कारण कूल क्षतिग्रस्त सड़कों की संख्या 122 है जिसमें 11 का कार्य पूर्व पूर्ण कर लिया गया है 67 पर कार्य प्रोग्रेस में है जबकि 44 पर कार्य पूरा किया जाना है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर सभी अपूर्ण सड़कों की मरम्मत कराना सुनिश्चित किया जाए और जिन पर कार्य शुरू नहीं किया गया है दो दिन के अंदर कार्य शुरू करें। ग्रामीण कार्य विभाग पूर्वी-02 के द्वारा बताया गया कि बाढ़ के पानी के कारण कुल 347 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई थी जिसमें 69 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है ।163 पर कार्य चल रहा है जबकि 115 पर कार्य किया जाना है ।जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता  ग्रामीण कार्य विभाग पूर्वी-2 के कार्यपालक अभियंता द्वारा इस संबंध में किए गए कार्य में रुचि नहीं लिए जाने के कारण कड़ी फटकार लगाई। उनका वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी पूछा जाएगा। वही ग्रामीण कार्य विभाग पश्चिमी के अभियंता के द्वारा बताया गया कि कुल 115 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई थी जिसमें 88 पर यातायात शुरू कर दिया गया है। 27 पर कार्य शुरू नहीं हो सका है।

जिलाधिकारी डॉ० चंद्रशेखर सिंह ने निर्देश दिया कि जिन सड़कों पर मरम्मति का कार्य शुरू नहीं हुआ है।दो दिन के अंदर कार्य शुरू करना सुनिश्चित करें। जिन पर कार्य चल रहा है उसे एक सप्ताह के अंदर पूर्ण करें । साथ ही उन्होंने कहा कि सभी तकनीकी विभागों द्वारा बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति की जा रही है या  की गई है, टीम गठित करके उनकी जांच कराई जाएगी।

इस क्रम में नगर निगम की भी समीक्षा की गई। नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि नगर निगम के तहत कुल 128 जगहों पर जिसमें सड़क और गली भी शामिल है डैमेज की  स्थिति है या गड्ढों के कारण आवागमन में परेशानी है। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि शीघ्र ही उन गड्ढों को भरा जाए और जहां डैमेज की स्थिति है वहां मरम्मति कर आवागमन  को सुगम बनावें। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत अखाड़ा घाट से जीरोमाइल सड़क के बीच में लगातार पानी जमे रहने के कारण सड़क पर बने गड्ढे को लेकर आरसीडीसे पूछा गया। उन्होंने बताया कि उक्त स्थल को बार-बार मोटरेबल  कराया जाता है परंतु स्थानीय दुकानदारों द्वारा इस कार्य में बाधा उत्पन्न की जाती है। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि कार्यपालक अभियंता आरसीडी के साथ संबंधित स्थल पर भ्रमण करते हुए उसका जायजा लें तदोपरांत आरसीडी के साथ समन्वय कर उक्त समस्या के समाधान करने की दिशा में आवश्यक कदम उठावें। वही मिठनपुरा से पानी टंकी चौक से संबंधित क्षेत्र में पानी लगने के कारण स्थिति अच्छी नहीं है।आरसीडी के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया कि शीघ्र उसका समाधान करें।

बाढ़ के समय में लखनदेई नदी से संबंधित बांध में तीन जगह ब्रीच की स्थिति आई थी जिसे फ्लड फाइटिंग के तहत किया गया था। संबंधित अभियंता द्वारा बताया गया कि उक्त स्थलों पर कटाव निरोधी कार्य कराने की जरूरत है। निर्देश दिया गया कि प्राक्कलन बनाकर  विभागीय स्वीकृति के पश्चात नियमानुसार कार्य कराना सुनिश्चित किया जाए। वही बैठक में बताया गया कि बाया नदी से संबंधित 12 जगहों पर, कदाने नदी से संबंधित चार स्थलों पर तथा तिरहुत नहर से संबंधित तीन जगहों पर कार्य पूर्ण करा लिया गया है।

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