मुजफ्फरपुर के बेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित कुरकुरे व नुडल्स फैक्ट्री में हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ ही घटना में पूर्ण विकलांग हुए घायलों को श्रम संसाधन विभाग नियमानुसार सहायता प्रदान करेगा। कामगार अगर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) या पीएफओ (भविष्य निधि) से जुड़े नहीं हुए होंगे तो उन्हें वर्कमैन कॉम्पंसेशन एक्ट के तहत मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की यह राशि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से घोषित छह लाख के अनुदान से अलग होगी। आकलन के अनुसार यह राशि पांच लाख से अधिक भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर श्रम विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है। विभाग ने इस घटना की जांच भी शुरू कर दी है। श्रम संसाधन विभाग के फैक्ट्री इंस्पेक्टर, जिले के श्रम अधीक्षक, उपश्रमायुक्त मुजफ्फरपुर के साथ ही राज्यस्तर से चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर ने घटनास्थल पर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया है। साथ ही स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित कर कामगारों को मदद पहुंचाने में आवश्यक कदम उठा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने घायल कामगारों से मिलकर उनके इलाज की स्थिति का जायजा लिया और उनके परिजनों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना। विभाग के वरीय अधिकारी घायल कामगारों के उचित उपचार के लिए अस्पताल प्रशासन से समन्वय बनाए हुए हैं।
बिहार सरकार ने मृतकों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। जबकि केंद्र सरकार ने दो-दो लाख अनुदान देने की घोषणा की है। अधिकारियों की कोशिश है कि मृतक के परिजनों को यह राशि अविलंब मिल जाए। इसके अलावा वर्कमैन कॉम्पंसेशन एक्ट के तहत सभी मृतकों और घायलों को मुआवजा दिया जाएगा। मृतकों के आश्रितों को और घायलों को समुचित इलाज हेतु राशि की उपलब्धता कराई जाएगी। अगर घायल पूर्ण विकलांग हुए तो उन्हें भी नियमानुकूल पांच लाख मुआवजा दिया जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर घटना के जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विभाग की ओर से ब्वॉयलर की नियमित जांच भी की जाएगी।
Input : live hindustan
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