मुजफ्फरपुर, गायघाट थाना क्षेत्र के सुस्ता गांव में जमीन पर कब्जा के विवाद में 25 साल पहले अमीरी राय (55) की पीट-पीटकर हत्या करने के दोषी चार बुजुर्गों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वालों में सुस्ता दक्षिण टोला के विनोद राय (62), बेचू राय (67), मनोज राय उर्फ मुजे राय (57) व वकील राय (64) शामिल हैं। चारों को 25-25 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा।
जुर्माने की राशि नहीं देने पर सभी दोषियों को छह-छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। मामले के सत्र-विचारण के बाद अपर जिला व सत्र न्यायाधीश-तृतीय पुनीत कुमार गर्ग ने पिछले दिनों चारों को दोषी करार दिया था। गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी को यह सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक किशोर कुमार वर्मा ने कोर्ट में 11 गवाहों को पेश किया।
यह है मामला
घटना गायघाट थाना क्षेत्र के सुस्ता गांव में 17 जनवरी, 1996 की पांच बजे शाम की है। इस संबंध में सुस्ता के लेखा राय के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें 15 ग्रामीणों को आरोपित बनाया गया था। लेखा राय ने कहा था कि उसके पिता अमीरी राय कांटा गांव से खाद लाने गए थे। खाद नहीं मिलने पर वे घर लौट रहे थे। वह भी वहीं से जा रहा था। पिता को लौटते देख उनके साथ घर आने लगा। इस बीच देवनारायण राय के दरवाजे पर गांव के 15 लोग बातचीत कर रहे थे। उसे देखकर सब चुप हो गए। जब कुछ दूर आगे बढ़े तो पीछे से पकड़ो-मारो की आवाज सुनाई दी। आरोपित उसके पिता को मारते-पीटते खींचकर देवनारायण राय के दरवाजे पर ले गए। वहां लाठी-डंडे व पत्थर से मारकर हत्या कर दी। शव को उसके दरवाजे पर रख दिया। घटना का कारण एक जमीन पर कब्जा को लेकर चल रहा विवाद था। आरोपितों की जमीन पर कब्जा करने के प्रयास का उसके पिता विरोध कर रहे थे।
11 आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र
मामले की जांच के बाद पुलिस ने 11 आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें से तीन आरोपितों को कोर्ट ने किशोर घोषित कर उसके मामले को सुनवाई के लिए किशोर न्याय परिषद भेज दिया। सत्र-विचारण के दौरान चार आरोपितों देवनारायण राय, उपेंद्र राय, ललित राय व जामुन राय की मौत हो गई। विनोद राय, बेचू राय, मनोज राय उर्फ मुजे राय व वकील राय ने कोर्ट में सत्र-विचारण का सामना किया।
इनपुट : जागरण