बैरिया स्थित न्यू पुलिस लाइन के क्वार्टर में आग से जली महिला सिपाही रागिनी कुमारी की सोमवार सुबह मौत हो गयी। वह बीते 13 दिनों से पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। वहीं, पति मुन्ना अभी भी भर्ती है। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। फिलहाल, पुलिस ने मामले में केस दर्ज नहीं किया है। हालांकि, पुलिस ने स्टेशन डायरी में सनहा दर्ज किया हुआ है। अब परिजनों के बयान पर मामले में केस दर्ज हो सकता है।
मुजफ्फरपुर कचहरी में प्रतिनियुक्त महिला सिपाही रागिनी और उसके पति मुन्ना 13 अक्टूबर की सुबह आग से बुरी तरह से झुलस गये थे। पुलिस ने दोनों को बैरिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से डॉक्टर ने उनको पटना रेफर कर दिया था। रागिनी 90% और मुन्ना भी 50% से अधिक जल चुका था। घटना की जानकारी होने पर रागिनी के पिता और भाई अपने रिश्तेदार के साथ न्यू पुलिस लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर पर आये थे। हादसा के 13 दिन बाद भी अहियापुर पुलिस ने ठोस नतीजे पर नहीं निकाल सकी है।
नालंदा की रहने वाली थी रागिनी, 2017 में बनी थी सिपाही
रागिनी नालंदा के गोमहर की रहने वाली थी। वर्ष 2017 में वह सिपाही बनी थी। भाई संजीत कुमार का पुलिस ने बयान दर्ज किया था। इसमें आग कैसे और क्यों लगी, इसकी जानकारी उसने नहीं होने की बात कही है। नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने रागिनी के मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जांच जारी है। पति मुन्ना वर्तमान में बयान देने की स्थिति में नहीं है। पुलिस टीम रागिनी व मुन्ना के बीच घरेलू विवाद के बिंदु पर भी छानबीन में जुटी है।
Input : Live hindustan