पटना हाईकोर्ट के आदेश पर एक सितंबर से मॉडल डीड प्रारूप के आधार पर शुरू होने वाले शत- प्रतिशत जमीन के दस्तावेजों की रजिस्ट्री के फैसले को भले ही सरकार ने वापस ले लिया है. लेकिन, लोगों की परेशानी कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है. एक सितंबर से पहले जिन लोगों ने कातिबों के माध्यम से स्टांप पेपर पर तैयार जमीन के दस्तावेज की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ले रखा था, विभाग ने उसे एक झटके में रद्द कर दिया है. नतीजा, अगले 26 सितंबर तक सामान्य रजिस्ट्री के लिए बुक पूरा स्लॉट ही खत्म हो गया. 500-500 रुपये का जो शुल्क लगा था, वह भी बर्बाद हो गया.
क्रेता-विक्रेता के साथ कातिबों ने किया हंगामा
इससे नाराज जमीन के क्रेता-विक्रेता के साथ कातिबों ने रजिस्ट्री ऑफिस में गुरुवार को जमकर हल्ला-हंगामा किया. इससे लगभग दो घंटे तक रजिस्ट्री ऑफिस में अफरा-तफरी रही. कामकाज भी बाधित हो गया. हालांकि, स्थिति तनावपूर्ण होते देख जिला अवर निबंधक ने मुख्यालय में अधिकारियों से बातचीत कर नये सिरे से सामान्य रजिस्ट्री (स्टांप पेपर पर तैयार दस्तावेज) के लिए स्लॉट बुकिंग की संख्या बढ़ायी. पहले 25 रजिस्ट्री के लिए ही स्लॉट की ऑनलाइन बुकिंग हुई थी. हंगामे के बाद इसे बढ़ाकर 50 कर दिया गया. इसके बाद 50-50 सामान्य रजिस्ट्री के लिए स्लॉट की बुकिंग हुई है.
दो घंटे में ही 20 सितंबर तक 1000 रजिस्ट्री के लिए स्लॉट की बुकिंग
हल्ला-हंगामे के बाद जब नये सिरे से 50-50 सामान्य रजिस्ट्री के लिए स्लॉट की बुकिंग शुरू हुई, तो कुछ घंटे में ही एक हजार सामान्य दस्तावेजों की बुकिंग हो गयी. यानी, 20 सितंबर तक रजिस्ट्री के लिए एक हजार बुकिंग हुई है. पहले 25-25 सामान्य दस्तावेज के स्लॉट को बुक किया गया था, जो 26 सितंबर के लिए बुक था. अभी भी मॉडल डीड प्रारूप के आधार पर जो लोग रजिस्ट्री कराना चाहते हैं, उनकी रजिस्ट्री हाथों-हाथ की जायेगी. उन्हें रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की आवश्यकता नहीं होगी.
इनपुट : प्रभात खबर