दुर्गापूजा में इस वर्ष भी मेला या किसी तरह का आयोजन नहीं होगा, हालांकि शर्त के साथ मूर्ति एवं पंडाल का निर्माण हो सकेगा। पूजा-पंडाल में कोविड प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से पालन किया जाएगा। एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश एवं टाउन डीएसपी रामनरेश पासवान ने पूजा के आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है। पूजा समिति वाले या आयोजक को रखने होंगे टीका लिए 10 वालेंटियर्स।
जारी निर्देश के अनुसार पूजा में सभी तरह के आयोजन, खेल और मेला पर रोक रहेगी। पंडाल का आकार 50350 फीट से बड़ा नहीं होगा। सभी पंडालों में सीसीटीवी एवं अग्निशमन यंत्र लगाना जरूरी होगा। कोविड की रोकथाम के लिए मास्क लगाने एवं शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है। विधि व्यवस्था एवं कोरोना प्रोटोकाल का पालन कराने की जिम्मेदारी आयोजक की होगी। इसके लिए कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लिए दस वालेंटियर्स को तैनात करने को कहा गया है। ऐसे वालेंटियर्स के फोटोग्राफ एवं दोनों टीका लेने का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराना होगा।
किसी तरह की विधि व्यवस्था होने पर उनपर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। मूर्ति विर्सजन 15 को रात आठ बजे तक अनिवार्य रूप से करना होगा, 25 लोग होंगे शामिल सभी पूजा समिति को इस आधार पर लाइसेंस जारी किया जाएगा कि वे 15 अक्टूबर की रात आठ बजे तक मूर्ति का विसर्जन कर लें। पूजा-पंडाल एवं विसर्जन जुलूस में वहीं व्यक्ति शामिल होंगे जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली हो। इसमें अधिकतम 25 लोग ही शामिल हो सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर मूर्ति विसर्जन होगा। डीजे पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
Source : Dainik Jagran