मुजफ्फरपुर. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के बाद बिहार के एक और होनहार कलाकार की मुंबई में मौत हो गई. इस बार शिकार बना मुजफ्फरपुर का अक्षत उत्कर्ष (Akshat Utkarsh). मौत की इस कहानी में भी फीमेल फैक्टर को जिम्मेदार बताया जा रहा है और मुंबई पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. पहली नजर में मौत को गले में फंदा डालकर खुदकुशी बताया गया है. क्योंकि मृतक अक्षत को उसके अंधेरी वेस्ट स्थित प्लैट में गले में गमछा का फंदा डालकर पंखे से लटका हुआ पाया गया. लेकिन शव लेने मुंबई गए परिजनों के बयान और मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की लापरवाह कार्यशैली इस मौत पर बड़े सवाल खड़ा कर रही है.
परिजन इसे आत्महत्या मानने को तैयार नही हैं. घटना मुंबई अंधेरी वेस्ट की है.
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के नगर थाना के सिकंदरपुर निवासी राजू चौधरी का 26 साल का बेटा अक्षत उत्कर्ष मायानगरी मुंबई में किस्मत आजमा रहा था. लखनऊ के एक कॉलेज से एमबीए करने के बाद अक्षत बीते ढाई साल से मुंबई में रहकर भोजपुरी फिल्मों के लिए ट्राई कर रहे थे. कुछ फिल्मों में वे रोल भी कर चुके थे. अक्षत मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित सुरेश नगर के आरटीओ लेन में फ्लैट नंबर 470 में रहते थे. उनके साथ एक स्ट्रगलिंग कलाकार स्नेहा चौहान राजपुर भी रहती थी. दोनों के बीच काम को लेकर काफी करीबी थी और दोनों फ्लैट के दो कमरों में रहते थे. मृत अक्षत के चाचा विक्रांत किशोर ने बताया कि लखनऊ में एमबीए में क्लासमेट रही आकांक्षा दुबे के साथ अक्षत की अच्छी दोस्ती थी.
पैसों को लेकर विवाद!स्नेहा ने विक्रांत किशोर को बताया था कि दोनों के बीच पैसे को लेकर विवाद भी चल रहा था. अक्षत के चाचा ने आकांक्षा पर अक्षत से पैसे ऐंठने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने साफ कहा है कि अक्षत की मौत में इन दोनों लड़कियों की गहरी साजिश है. उन्होंने यहां तक बताया कि अक्षत को बेहोश करके लटका दिया गया था. मृत अक्षत के मामा रंजू सिंह और चाचा विक्रांत किशोर उसका शव लाने मुंबई गए थे. मामा रंजू सिंह ने बताया कि 27 सितंबर की रात को अक्षत ने अपने पिता से करीब पौने नौ बजे बिल्कुल मजे से बात की. उसी रात साढ़े ग्यारह बजे के बाद उसके खुदकुशी कर लेने की सूचना मिली. मौत की सूचना स्नेहा चौहान ने अक्षत के एक भाई को बेंगलुरु में दी. भाई ने मुजफ्फरपुर में परिजनों को सूचना दी. मौत की जानकारी मिलते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया.
28 सितंबर को मामा रंजू सिंह और चाचा विक्रांत किशोर शव लाने मुंबई पहुंचे तब तक पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल भेज चुकी थी. पुलिस ने परिजनों को पहले थाने में बुलाया. इनकार करते हुए परिजन कूपर अस्पताल पहुंचे तो पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम करवाकर शव लेकर लौट जाइए. चाचा विक्रांत किशोर का आरोप है कि पोस्टमार्टम में भी लेट लतीफी की जा रही थी. तो बिहार से कुछ नेताओं से फोन करवाने के बाद पोस्टमार्टम किया गया. उन्होनें बताया कि मृतक का मोबाइल पुलिस ने नहीं दिया. जिस कमरे में उसकी मौत हुई थी उसे मुंबई पुलिस ने सील तक नहीं किया. कोई फॉरेंसिक जांच नहीं कराई गई. यहां तक पुलिस ने एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी है. पुलिस के आने के पहले ही सोसायटी के सेक्रेटरी ने फंदे वाले गमछा को काटकर शव को उतार दिया था. चाचा विक्रांत किशोर ने सीधे अक्षत की हत्या का आरोप लगाया है और इसके लिए स्नेहा चौहान और आकांक्षा दुबे को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने मुंबई पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं. अक्षत की बुआ डॉ. विजयनी ने बताया कि उसे बचपन से ही फिल्मों में जाने का शौक था. इसी वजह से उसने एमबीए के बाद फिल्म लाइन को चुना. बुआ के मुताबिक अक्षत को लिट्टी चोखा नाम की भोजपुरी फिल्म में काम मिला था. आगामी 3 अक्टूबर से होने वाली शूटिंग को लेकर वह काफी उत्साहित था.
Input : News18