दीपावली के बाद पिछले पांच साल में प्रदूषण का ग्राफ सबसे नीचे आ गया। इस बार दीपावली में शहर में ब्रह्मपुरा, समाहरणालय का इलाका ग्रीन जोन में तो जिला स्कूल का इलाका येलो जोन में रहा। प्रदूषण का ग्राफ जिला स्कूल के आसपास ज्यादा रहा। दीपावली के दिन शाम में तेज हवा चलने के कारण पटाखे की शोर के बीच प्रदूषण का ग्राफ पिछले एक सप्ताह की अपेक्षा कम रहा। इधर, धुंध और जाम प्रदूषण के ग्राफ को आगे बढ़ रहा है।

ये बन रहे कारण

सड़क पर जाम का लगना, सड़क से धूल का उडते रहना, पुराने दो पहिया व चार पहिया वाहन का परिचालन तथा नगर निगम इलाके में जगह-जगह पर कचरा जलाकर छोड़ देना। प्रदूषण के ग्राफ को आगे बढाने में निर्माण कार्य चलने वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव, रोड की सफाई, निर्माण सामग्री को ढंक कर रखने और नाले का गाद निकाल सड़कों पर न छोड़ा जाए तो राहत मिल सकती है।

ये हैं प्रदूषण के मानक

एक्यूआइ 50 के नीचे हो तो हवा सबसे अच्छी होती है। 50 से 100 के बीच संतोषजनक और 100 से ऊपर जाने पर इसे प्रदूषित माना जाता है। 100-200 के बीच एक्यूआई को संतुलित, 200-300 के बीच खराब, 300-400 तक बहुत खराब और 400 से ऊपर खतरनाक स्तर होता है। एक्यूआई जितना ज्यादा होगा, लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ज्यादा होने लगेंगी। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने कहा कि प्रदूषण के कारण सांस संबंधी परेशानी होती है। सड़क पर नियमित छिड़काव होना चाहिए। जहां पर निर्माण कार्य चल रहा हो, उसको ढक कर रखने की जरूरत है। आम लोगों से अपील है कि वे मास्क लगाकर निकलें। इससे बचाव होगा।

दीपावली के पहले से यह रही प्रदूषण की चाल

तिथि-एक्यूआइ

• 16 अक्टूबर-106
• 17 अक्टूबर-110
• 18 अक्टूबर-107
• 19 अक्टूबर-144
• 20 अक्टूबर-221
• 21 अक्टूबर-250
• 22 अक्टूबर-262
• 23 अक्टूबर-164
• 24 अक्टूबर-182
• 25 अक्टूबर-109

पिछले पांच साल में दीपावली के दिन का प्रदूषण ग्राफ

तिथि-मानक

• 24 अक्टूबर 2022-109 एक्यूआई
• 4 नवंबर 2021-285 एक्यूआइ
• 14 नवंबर 2020- 1254 एक्यूआइ
• 27 अक्टूबर 2019-186 एक्यूआइ
• 7 नवंबर 2018-327 एक्यूआइ

इनपुट : दैनिक जागरण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *