हफ्ते भर से मुजफ्फरपुर में बढ़े वायरल बुखार व ब्रोंकोलाइटिस का प्रकोप अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार शाम तक अस्पतालों में 41 बीमार बच्चों को भर्ती कराया गया। इस दरम्यान पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से लाया गया बच्चा एसकेएमसीएच की पीआईसीयू में भर्ती होने से पहले ही दम तोड़ दिया।
एक दिन पहले शनिवार को भी एसकेएमसीएच में दो बच्चों की मौत हो गई थी जिनमें एक पश्चिम चंपारण के रामनगर का जेई पीड़ित बच्चा और दूसरा पूर्वी चंपारण के मोतिहारी का चमकी पीड़ित बच्चा शामिल था। फिलवक्त अस्पतालों में सवा सौ बच्चे भर्ती हैं। 75 बीमार बच्चों के स्वस्थ होने पर उन्हें अस्पतालों से छुट्टी भी दे दी गई। दूसरी, स्वास्थ्य विभाग की टीमों को प्रशासन ने अलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार एसकेएमसीएच की पीआईसीयू में फिलवक्त 50 और केजरीवाल अस्पताल में 74 बच्चों को भर्ती कर उनकी चिकित्सा की जा रही है। इनमें आधा दर्जन बच्चे गंभीर बताये गये हैं। रविवार को एसकेएमसीएच में 10 बच्चों को भर्ती किया गया, वहीं 46 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया। केजरीवाल अस्पताल में 29 बच्चों को डिस्चार्ज किया गया, वहीं 31 नये बच्चों को भर्ती किया गया। सदर अस्पताल में एक भी बच्चा भर्ती नहीं हुआ।
समय से इलाज हुआ तो जल्द स्वस्थ होंगे बच्चे
एसकेएमसीएच के शिशुरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि ऐसे मौसम में अभिभावकों को काफी सर्तक होने की जरूरत है। लापरवाही बरतने से बीमार बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है। परिजनों को पूरी तरह सजग रहकर बच्चों की देखभाल करने की जरूरत है। समय से इलाज शुरू होगा तो बच्चे जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। हल्की खांसी व दम फूलने की समस्या दो दिन में खत्म हो जाती है। बच्चे के बीमार पड़ने पर तुरंत डॉक्टर के संपर्क जायें।
बच्चे के लिए ऑक्सीजन के इंतजाम में बेचैन रहे परिजन
एसकेएमसीएच के पीकू में केजरीवाल अस्पताल से रेफर होकर आये एक बच्चे के परिजन करीब आधे घंटे तक दूसरे निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा का पता लगाने के लिए परेशान रहे। बच्चे को ऑक्सीजन की जरूरत बताई गई थी। अंतत: दूसरी जगह इलाज के लिए बच्चे को ले जाने को जब परिजन तैयार दिखे तब कर्मचारियों की ओर से ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई। इसके बाद शोरगुल शांत हुआ। मीनापुर गंज बाजार से आये मो काबीर ने बताया कि चार दिन के बेटे को दम फूलने की शिकायत है। केजरीवाल से यहां रेफर कर दिया गया। यहां बताया गया कि ऑक्सीजन नहीं है। कई अस्पतालों में कॉल ऑक्सीजन का पता लगाया। बाद में यहीं ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया।
Input : Live hindustan