बिहार के नालंदा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा है. नालंदा के सोहसराय थाना इलाके के कटहल टोला में एक मजदूर की मौत के बाद परिजनों को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी. जिसके कारण मृतक मजदूर के बेटे ने अपने पिता का शव ठेले पर लादकर 4 किलोमीटर तक ले जाने को मजबूर हो गया. इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. यह तस्वीर ने बिहार के सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है. यह घटना बुधवार की है. इसी दिन जिले को Dial 112 की 18 गाड़ियां उपलब्ध कराई गईं.
नहीं मिली एंबुलेंस, ठेले पर ले गया पिता का शव
पृतक के परिजनों को एंबुलेंस नहीं मिली. मजदूर की मौत की जानकारी पुलिस को भी थी. इसके बाद भी एंबुलेंस का प्रबंध नहीं किया गया. मृतक मजदूर की पहचान खासगंज निवासी 45 वर्षीय फकीरचंद प्रसाद के तौर पर हुई है. मृतक फकीरचंद के बेटे ने बताया कि उनके पिता ठेला चलाने का काम करते थे. उन्होंने ठेले पर पानी की टंकी लोड कर कटहल टोला ले गए थे. इसी दौरान नवनिर्मित मकान की छत पर वाटर टैंक ले जाते समय छज्जा गिर गया. जिसके मलबे में दबकर पिता समेत दो मजदूर जख्मी हो गए थे. गंभीर रूप से घायल पिता की मौत बुधवार की हो गयी.
मृतक मजदूर के बेटे ने लगाया आरोप
मृतक मजदूर के बेटे ने आरोप लगाया कि घायल अवस्था में पिता को स्थानीय निजी अस्पताल भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार शव को सदर अस्पताल ले जाना चाहता था. इसको लेकर परिवार और वार्ड पार्षद ने घटना की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पुलिस पहुंची पुलिस को इस मामले की जानकारी दी गयी. लेकिन, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा सका. इस कारण बेटे को ही चार किलोमीटर तक पिता का शव को ठेले पर ढोकर ले जाना पड़ा.
एक दिन पहले लॉन्च डायल 102 का हाल
परिजनों के अनुसार सदर अस्पताल पहुंचने के पहले एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया. अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों ने अधेड़ को मृत घोषित कर दिया. सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि 102 डायल करने पर फ्री एंबुलेंस सेवा मिलती है. जागरुकता के अभाव में लोग 102 डायल नहीं कर रहे हैं. सूचना के बाद पुलिस को एंबुलेंस उपलब्ध कराने में सहयोग करना चाहिए था. वहीं, थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार ने बताया कि पुलिस शव के पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया में जुटी है. उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध कराने की जानकारी नहीं दी गई थी.
इनपुट : प्रभात खबर
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