वॉशिंगटन: विश्वबैंक ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिये भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर अनुमान को पहले जताये गये 10.1 फीसदी से घटाकर 8.3 फीसदी कर दिया. उसने कहा है कि कोविड-19 महामारी की अबतक की सबसे खतरनाक दूसरी लहर से आर्थिक पुनरूद्धार को नुकसान पहुंचा है.


कर्ज देने वाला बहुपक्षीय संस्थान ने 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने की संभावना जतायी है. विश्वबैंक ने ग्लोबल इकोनामिक प्रॉस्पेक्ट्स (वैश्विक आर्थिक संभावनाएं) शीर्षक रपट के नए संस्करण में कहा है कि भारत में 2020-21 की दूसरी छमाही में खासकर सेवा क्षेत्र में तीव्र पुनरूद्धार देखा जा रहा था, लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने इस पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.

संस्थान के अनुसार, ”महामारी की शुरूआत से किसी भी देश के मुकाबले सर्वाधिक भीषण लहर भारत में आयी और इससे आर्थिक पुनरूद्धार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा.”

उल्लेखनीय है कि 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में अबतक की सबसे खराब 7.3 फीसदी की गिरावट आयी जबकि 2019-20 में इसमें 4 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

विश्वबैंक ने इस साल अप्रैल में 2021-22 में जीडीपी में 10.1 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया था. यह जनवरी में जताये गये 5.4 फीसदी वृद्धि से अधिक था. लेकिन अब अनुमान को कम कर दिया गया है.

बहुपक्षीय संस्थान ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. विश्वबैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2021 में 5.6 फीसदी वृद्धि की संभावना है. अगर ऐसा होता तो है कि यह 80 साल में मंदी के बाद की यह सबसे मजबूत वृद्धि होगी.

इसमें कहा गया है, ”भारत की जीडीपी में 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में 8.3 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है.” रिपोर्ट के अनुसार बुनियादी ढांचा, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य पर अधिक व्यय समेत नीतिगत समर्थन तथा सेवा एवं विनिर्माण में अपेक्षा से अधिक पुनरूद्धार से गतिविधियों में तेजी आएगी.

वित्त वर्ष 2021-22 के अनुमान में कोविड-19 की दूसरी लहर तथा इसकी रोकथाम के लिये मार्च 2021 से स्थानी स्तर लगायी पाबंदियों के कारण अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान पर गौर किया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ”महामारी से खपत और निवेश पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भरोसा पहले से कमजोर बना हुआ है और बही-खातों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर धीमी पड़कर 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है. यह कोविड-19 के परिवार, कंपनियों तथा बैंकों के बही-खातों पर पड़ने वाले व्यापक प्रभाव, ग्राहकों का भरोसा कमजोर होना तथा रोजगार एवं आय के मामले में अनिश्चितता को अभिव्यक्त करता है.

वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में इसमें 5.6 फीसदी वृद्धि होगी. अगर ऐसा होता तो है कि यह 80 साल में मंदी के बाद मजबूत वृद्धि होगी. इसका मुख्य कारण कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मजबूत पुनरूद्धार है.

हालांकि पुनरूद्धार के बावजूद वैश्विक उत्पादन महामारी पूर्व अनुमान के मुकाबले इस साल 2 फीसदी कम रहेगा. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका में इस साल 6.8 फीसदी वृद्धि रहने का अनुमान जताया गया है. इसका कारण बड़े स्तर पर राजकोषीय मदद तथा महामारी से जुड़ी पाबंदियों में ढील है.

अन्य विकसित देशों में वृद्धि मजबूत होगी लेकिन उसकी गति कम होगी. रिपोर्ट के अनुसार उभरते और विकासशील देशों में चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.5 फीसदी रहने की संभावना है. इसकी वजह दबी हुई मांग में तेजी आना है.

विश्वबैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा, ”वैश्विक स्तर पर पुनरूद्धार के संकेत हैं लेकिन महामारी के कारण विकासशील देशों में गरीबी और असमानता बढ़ी है.”

उन्होंने कहा, ”वैश्विक स्तर पर विशेष रूप से कम आय वाले देशों के लिए टीका वितरण और ऋण राहत में तेजी लाने के लिए समन्वित प्रयास आवश्यक हैं. स्वास्थ्य संकट कम होने के साथ नीति निर्माताओं को महामारी के स्थायी प्रभावों को दूर करने और व्यापक तौर पर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करते हुए हरित, मजबूत और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता होगी.”

Source : abp news

5 thoughts on “विश्व बैंक ने 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 8.3 फीसदी किया, कोरोना की दूसरी लहर का बड़ा असर”
  1. Welcome to our website, your top source for all the current reports and information on the press landscape in the United Kingdom. Whether you’re keen in broadcasting, radio, press, or internet media, we deliver thorough coverage that keeps you aware about the key changes and shifts. From up-to-the-minute reports to detailed analyses, our team of skilled journalists and industry specialists work ceaselessly to bring you the most precise and latest information – https://ukeventnews.uk/a-trill-in-music-is-a-rapid-alternation-between/
    In alongside to reports, we provide perceptive features and opinion essays that delve into the nuances of the communications industry. Our features cover a diverse array of topics, including regulatory shifts, media ownership, and the impact of new advancements. We also emphasize the achievements and hurdles faced by media professionals, presenting a platform for voices from all over the industry to be heard and valued.
    Stay linked with the pulse of the UK media scene through our regularly updated content. Whether you’re a media professional, a student, or simply a media enthusiast, our site is designed to cater to your interests and wants. Participate in our growing community of readers and ensure you’re always in the know about the dynamic and constantly changing world of media in the United Kingdom.

  2. Подготовка воды осуществляет большое значение в гарантировании безотказной работы заводского оборудования – https://prom-info01.ru/privod-siemens-skp25-403e1-polnoe-rukovodstvo-po/. Процедура состоит из обработку и настройку воды для исключения ненужных элементов, таких как растворимые соли, биологические соединения и микроорганизмы. Это необходимо для предотвращения ржавчины, наслоений и прочих неприятностей, которые могут снизить производительность машин и сократить его срок службы. Эксплуатация эффективной водоподготовки обеспечивает не только увеличить надёжность и срок эксплуатации оборудования, но и минимизировать расходы на эксплуатацию и обслуживание.

    Новые системы водоподготовки включают в себя разнообразие этапов обработки и аппаратов. Среди них следует отметить фильтрационные установки, используемые для удаления крупных частиц, системы ультрафильтрации, которые полностью удаляют растворённые соли, и ультрафиолетовые установки, очищающие воду от бактерий. Также не последнюю роль играют реагенты, применяемые для регулирования pH и борьбы с коррозией. Использование автоматических систем управления существенно улучшает эффективность и производительность процесса подготовки воды, что имеет большое значение в условиях большого производства.

    Качественная водоподготовка оказывает положительное влияние на окружающую среду, минимизируя выбросы вредных соединений в экосистему. Использование современных технологий и оборудования позволяет минимизировать потребление воды и её загрязнённость, что соответствует с нормами устойчивого развития. Промышленные компании, внедряющие системы водоподготовки, не только улучшают свои производственные показатели, но и проявляют осознанность к окружающей среде. В результате, грамотная организация водоподготовки становится важным конкурентным преимуществом и вложением в будущее, как для организаций, так и для социума.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *