नई दिल्ली: ISRO यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने भारतीय सीमा की सुरक्षा की पुख्ता तैयारी कर ली है। अब दुश्मनों की एक एक हरकत की खबर भारतीय सेना बेहद करीब से मॉनीटर कर सकेगी और चीन पाकिस्तान…जो हमेशा धोखा देने में लगे रहे हैं, उन्हें अब भारतीय जवान रियल टाइम मुंहतोड़ जबाव दे सकेंगे। पिछले साल ही खराब मौसम का फायदा उठाते हुए चीनी सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की थी लेकिन अब चीनी सैनिकों और पाकिस्तान..दोनों को भारतीय सैनिक रियल टाइम मुंहतोड़ जबाव देने वाली है।
GISAT-1 सैटेलाइट होगा लॉन्च
28 मार्च को इसरो जीआई सैटेलाइट-1 लॉन्च करने जा रहा है जिसे खास तौर पर देश के सरहद की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है।
इस सैटेलाइट के माध्यम से सीमा पर होने वाली एक एक हरकत पर रियल टाइम नजर रखी जाएगी। यानि, सरहद पर दुश्मनों के एक एक मुवमेंट को भारतीय जवान देख सकेंगे और उसी मुताबिक अपनी तैयारी कर सकेंगे। GISAT-1 सैटेलाइट को जीएसएलवी-एफ-10 रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसे 28 मार्च को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिए छोड़ा जाएगा। इसरो के एक अधिकारी ने मिशन की जानकारी देते हुए कहा है कि ‘ये एक जीयो इमेजिंग सैटेलाइट है जिससे सीमा की हर जानकारी मिल सकेगी खास मौसम की’। रिपोर्ट के मुताबिक, रॉकेट के जरिए अंतरिक्षयान को जियोसिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जिसे बाद में जियो स्टेशनरी कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा। इस सैटेलाइट की दूरी पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की होगी।
गेमचेंजर साबित होगा सैटेलाइट
जीआई सैटेलाइट-1 को जीएसएलवी-एफ-10 रॉकेट से पिछले साल 5 मार्च को ही अंतरिक्ष में भेजा जाना था लेकिन पिछले साल कुछ टेक्निकल समस्या आने की वजह से लॉन्चिंग टाल दिया गया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सैटेलाइट से पृथ्वी पर हो रही गतिविधियों की जानकारी बेहद आसानी से मिल सकेगी जो भारत के लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाला है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत का ये सैटेलाइट भारतीय डिफेंस सेक्टर के लिए गेमचेंजर साबित होने वाला है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस सैटेलाइट में काफी हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगे हैं, जिसकी वजह से भारतीय सेना और भारतीय वैज्ञानिक अपने ऑफिस में बैठकर एचडी इमेज रियल टाइम देख सकती है खासकर बॉर्डर एरिया की बेहद आसानी के साथ मॉनिटरिंग की जा सकती है। इसके बेहद हाई रिजोल्यूशन कैमरे की मदद से भारत की जमीन और समुन्द्र की भी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इसरो का कहना है कि सैटेलाइट की वजह से पाकृतिक आपदाओं की भी मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने पिछले हफ्ते कहा था कि जीआई सैटेलाइट-1 में पिछले साल जो तकनीकि दिक्कतें आईं थीं, उसे ठीक कर दिया गया है।
source: oneindia.com