मुजफ्फरपुर। शहर में ब्रांडेड नामी कंपनियों के नकली सामान बन और बिक रहे हैं। ब्रांडेड उत्पादों के व्यवसायियों के अनुमान के मुताबिक शहर में नकली ब्रांडेड सामान का सालाना 200 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो रहा है। इसमें कॉस्मेटिक सामान, दवा, शर्ट-पैंट, ट्रैक शूट, वाटर टंकी, विदेशी सिगरेट और मोटर पार्ट्स तक शामिल हैं।
ग्राहकों को ठगने के साथ उन ब्रांड की कंपनियों को भी चूना लगाया जा रहा है। डिमांड में कमी और बिक्री पर असर पड़ने के बाद ही ब्रांडेड कंपनी के अधिकारी कॉपी राइट एक्ट के तहत छापेमारी के लिए पहुंचते हैं। नकली ब्रांडों का सामान बनाने की विधिवत फैक्ट्रियां शहर और इसके सटे अहियापुर, कांटी, भगवानपुर व मुशहरी इलाके में चल रही हैं।
छापा पड़ने के बाद फैक्ट्री का स्थान बदल लेते हैं धंधेबाज : एक बार छापा पड़ने के बाद धंधेबाज केवल फैक्ट्री का स्थान बदल लेते हैं। उनका धंधा बंद नहीं होता है। बीते 10 साल में ब्रांडेड कंपनियों का नकली उत्पाद बनाने व बेचने के 230 मामले जिले में दर्ज किए गए। इसमें सूतापट्टी में ब्रांडेड कंपनी के शूट लेंथ, सदर थाने के डुमरी में नकली पुदीन हरा, अखाड़ाघाट बांध किनारे नकली दवा निर्माण व जीरोमाइल में नकली दवा बेचने वाली दुकान सील किए जाने का मामला सुर्खियों में रहा है। मुशहरी में एक फैक्ट्री में विदेशी ब्रांड की नकली सिगरेट बनाने का मामला पकड़ाया था।
नकली कॉस्मेटिक का मामला तीन साल से लंबित : ब्रह्मपुरा थाने के इमलीचट्टी चौक पर बड़े पैमाने पर नामी ब्रांड कॉस्मेटिक क्रीम, ब्यूटी क्रीम, पाउडर, शैम्पू आदि जब्त किए गए थे। इसको लेकर कोलकाता निवासी कंपनी के अधिकारी संजीव बनिक ने 26 अक्टूबर 2018 को अजय कुमार के खिलाफ कॉपी राइट एक्ट के तहत एफआईआर कराई थी।
ब्रांडेड कंपनियों के नकली उत्पाद के मामलों का जुड़ाव आम ग्राहकों से है। ऐसे मामलों में छानबीन को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए संबंधित थानेदारों को निर्देश जारी किये जा रहे हैं। – जयंतकांत, एसएसपी
Source : Hindustan