पहली की तुलना में कोरोना की दूसरी लहर कितनी खतरनाक है, इसका सहज अंदाजा लोग मौत के आंकड़ों से लगाने लगे हैं। दूसरी लहर में 15 गुना अधिक मौतें हो रही हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। कोरोना की पहली लहर में मई 2020 से लेकर मार्च 2021 तक के 300 दिनों में सिर्फ 102 लोगों की मौत कोरोना से जिले में हुई थी। लेकिन इस बार कोरोना महामारी ने महज 20 दिनों में 106 लोगों की जान ले ली। ये सभी मौतें पांच अप्रैल से लेकर 24 अप्रैल के बीच इसी वर्ष हुई हैं। दूसरी लहर के पिछले पांच दिनों में ही 72 मौतें हुई हैं। अब मौत का आंकड़ा हर दिन करीब 15 से 17 पहुंच रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में इस वर्ष पहली मौत पांच अप्रैल को हुई थी।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार एसकेएमसीएच और निजी अस्पतालों में जो मौतें हुई हैं इसमें 50 फीसदी लोग 45 वर्ष से कम उम्र के हैं। दूसरी लहर का यह आंकड़ा लोगों को अब डराने लगा है। जबकि कोरोना की पहली लहर में 75 फीसदी मौतें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की हुई थी।

तीन दिनों में पॉजिटिव हो जा रहे हैं गंभीर
फिजिशियन डॉ एके दास के अनुसार इस बार कोरोना का स्वरूप बिलकुल अलग और घातक है। पहली लहर में लोगों को संभलने का 7-10 दिनों का मौका मिलता था इस बार अधिकांश मरीज तीसरे दिन गंभीर हो जा रहे हैं। संक्रमण की रफ्तार की इतनी अधिक है कि फेफड़े को तेजी से संक्रमित कर दे रहा है। वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण शाह ने बताया कि पहली लहर में बच्चे के संक्रमित होने का का आंकड़ा एक फीसदी भी नहीं था। दूसरी लहर में 7-10 फीसदी बच्चे संक्रमित हो रहे हैं।

इस बार कोरोना का संक्रमण बेहत घातक है। बजुर्ग से अधिक युवा संक्रमण का शिकार हैं। मौत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है र्जो ंचताजनक है। मौत को कम करने का प्रयास स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा है।
-डॉ एसके चौधरी, सिविल सर्जन

इनपुट : हिंदुस्तान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *