दरभंगा,[ देवचंद्र कुमार]। दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड के जयंतीपुर दाथ गांव में एक अनोखी शादी हुई है। पहले से तय दुल्हे के पिता से दहेज दी गई राशि वसूल की गई। फिर लड़की की शादी उसी दिन हैदराबाद में मैकेनिक के रूप में काम कर रहे युवक से करा दी गई। मौलाना ने बकायदा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर निकाह पढ़वाया। बताया गया है कि जयंतीपुर दाथ निवासी मो. कलाम ने अपने पुत्री कि शादी श्यामपुर गांव निवासी मो. मंजूर के पुत्र मो. इस्लाम से तय की थी। बारात 24 जून 2021 को आनी थी। लड़की वाले ने सारी तैयारियां पूरी कर ली थी। लेकिन, अचानक शादी के दिन वर पक्ष से फोन आया- लड़का कहीं भाग निकला है। अब बारात नहीं आएगी। शाम में फोन आया- लड़का मिल गया है।
हम बारात लेकर आ रहे हैं। इस बीच वधू पक्ष ने निर्णय ले लिया था कि बारातियों को नाश्ता-भोजन के बाद विदा किया जाए। दुल्हे व उनके पिता को रोककर दहेज की राशि वसूलकर खाली हाथ भेजा जाए। निर्णय के अनुरूप बारात विदा हो गई। वर व उनके पिता को रोककर दहेज की वसूली की गई। लड़की के पिता मो. कलाम का कहना है कि बारात आने के दिन लड़का कहीं भाग जाए। वह चरित्र का अच्छा नहीं होगा। ऐसा मन में आते ही यह निर्णय लिया। राशि वसूल करने के लिए बारात आने से नहीं रोका। क्योंकि खाने पीने का सभी सामान तैयार था।
तब न्योता में भाग लेने आए मो. सुलेमान ने की पुत्र के साथ शादी की पेशकश, हो गया निकाह
इस विषम परिस्थिति को देखते हुए वधू पक्ष की ओर से न्योता में आए अलीनगर प्रखंड के ही सेर बिजुलिया गांव निवासी मो. सुलेमान ने लड़की को पसंद किया। हैदराबाद में मैकेनिक का कार्य कर रहे पुत्र मोहम्मद कलाम से बात की। वीडियो कॉलिंग के जरिए लड़की पसंद करवाया। फिर श्यामपुर से बारात के साथ पहुंचे दुल्हे व उनके पिता के समक्ष ही मैकेनिक से वीडियो कॉलिंग के जरिए निकाह पढ़ाया गया।
1.71 लाख लौटाने पड़े वर पक्ष को
वर के पिता को दहेज में दिए गए 1.71 लाख रुपये लौटाने पड़े। रुपये लौटाने बाद पिता-पुत्र वापस लौटे। लड़के के पिता ने कहा- लड़की के पिता हमारे जीजा लगते हैं। बहुत पहले घर बनाने के समय कर्ज लिए थे। रिश्तेदारी की बात तो कुछ दिन पहले हुई थी।
-हमारे धर्म में मोबाइल पर भी निकाह संभव है। जिसमें मुख्य होता है लड़का और लड़की को निकाह कुबूल करना जो समक्ष हो या कहीं और। मौलाना कि बातों का जवाब भी देना अनिवार्य होता है। जब चाहे लड़का विदाई कराकर ले सकता है। हमने इससे पहले भी कई शादी करवाई थी।-मोहम्मद आदिल, मौलाना, स्थानीय मस्जिद
Source : Dainik Jagran
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