पटना। वर्ष 2013 में गांधी मैदान सरियल बम ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने सोमवार को सजा के बिंदू पर दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के अपना फैसला सुना दिया है। एनआईए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने सजा के बिंदुओं पर सभी आरोपियों के वकीलों का जिरह सुनने के बाद 9 आरोपियों में से 4 को फांसी, 2 को उम्रकैद और 2 को 10-10 साल की सजा के साथ एक को 7 साल की सजा का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि मामले में 11 लोग आरोपी पाए गए थे जिसमें एक नाबालिग होने के कारण उसका केस जुवेनाइल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। 10 लोगों पर मुकदमा चला और 9 लोग दोषी पाए गए। NIA की जांच में सामने आया है कि 2013 के चुनाव में एनडीए के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फिदायिन हमले में मारने की साजिश रची गई थी।

NIA की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर 8 साल बाद NIA की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। मामले में अदालत ने 9 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है, जबकि, फकरूद्दीन को सबूतों के आभाव में केस से बरी कर दिया गया है। 9 में से 6 आतंकवादियों के ऊपर IPC की धारा 302, 120B सहित UAPA एक्ट के तहत गंभीर चार्ज लगाए गए हैं। दोषियो के खिलाफ 1 नवंबर को अदालत फैसला सुनाएगी। ध्यान देने वाली बात है कि पटना के गांधी मैदान में 27 October 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी की हुंकार रैली में एक के बाद एक 7 धमाके हुए जिसमें 6 लोगों की जान चली गई। वहीं हमले में 89 लोग घायल हो गए थे।

इनको मिली उम्रकैद की सजा:

NIA की विशेष अदालत ने मामले में दोषी पाए गए हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम को फांसी की सजा सुनाई है। उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन कुरैशी को उम्रकैद की सजा मिली है। वहीं अहमद हुसैन, मो. फिरोज असलम को दस साल की सजा व इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा दी गई है।

Input : News24

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