पटना, एएनआइ। बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की नई भूमिका इन दिनों चर्चा में है। जदयू की सदस्यता लेने के बाद धार्मिक सत्‍संग में मन रमा रहे गुप्तेश्वर ने रविवार को धर्म और राजनीति दोनों पर अपने विचार साफ किए। जदयू नेता ने कहा कि मेरे अंदर सफल राजनेता बनने की क्षमता नहीं है। मैं बन सकता तो अब तक बन गया होता। गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा ऐसा डीजीपी खोजकर निकालिए जो विधायक का चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से छह महीने पहले इस्तीफा दे। उन्होंने कहा कि मैं कमजोर वर्ग के साथ खड़े होने के लिए विधायक बनना चाहता था।

धार्मिक उपदेशक बनने पर गुप्तेश्वर ने कहा कि एक समय ऐसा आता है जब आप जीवन के उद्देश्य को जानना चाहते हैं, और ईश्वर को जानना चाहते हैं। मैं कोई अपवाद नहीं हूं। मेरी दिलचस्पी अब भगवान में है और यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सोचते हैं कि भौतिक उपलब्धियां हमें खुश कर देंगी, लेकिन असली खुशी भगवान में है। मैं अब केवल भगवान की सेवा करना चाहता हूं।

बता दें कि खाकी पहनकर चर्चा में रहने वाले गुप्तेश्वर पांडेय जब खादी के साथ आए तो काफी उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब उनका गेरुआ वस्त्र की चर्चा हर ओर हो गई है। पिछले साल नवंबर माह में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार का डीजीपी रहते हुए गुप्तेश्वर ने वीआरएस ले लिया था। इसके बाद उन्‍होंने जदयू से नाता जोड़ा था।

जदयू की सदस्यता लेने के बाद उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। कई बार पत्रकारों से बात करते हुए खुद गुप्तेश्वर ने भी चुनाव में हाथ आजमाने की बात कही थी, मगर ऐसा हुआ नहीं। अब गुप्तेश्वर नए भाव और भूमिका के साथ कथावाचन कर लोगों को जीवन का मर्म समझा रहे हैं। इन दिनों रामभक्त हनुमान की भक्ति में लीन हैं।

इनपुट : जागरण

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