नीतीश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में 40 एजेंडों पर मुहर लगाई है. खबर के मुताबिक, बिहार के सभी एमएलए और एमएलसी का वेतन और भत्ता बढ़ गया है. साथ इसके सहयोग में काम करनेवाले पीए का वेतन भी बढ़ा दिया गया है. प्रदेश की कैबिनेट ने इस पर मुहर लगाई है.
अब हो सकेगा भुगतान
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बिना ब्याज का 50 साल के लिए आठ हजार करोड़ से ज्यादा का लोन लिया है, जिसकी पहली किस्त के रूप में 4046 करोड़ की राशि केंद्र सरकार ने जारी कर दी है. इस राशि को लेकर बजट में प्रावधान नहीं किया गया था, इसलिए आकस्मिकता निधि के रूप में इसे खर्च किया जाएगा. इसके लिए निधि से 3474 करोड़ निकालने संबंधी विभिन्न विभागों के प्रस्तावों को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है. अब इस राशि से ठेकदारों और अन्य लोगों के बकाया का भुगतान किया जाएगा. इसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने दी और कहा कि राशि के जरिए विकास के कामों को रफ्तार मिलेगी.
सूखे के लिए 130 करोड़
राज्य में इस बार औसत से काफी कम बारिश हुई और जो बारिश हुई, वो समय पर नहीं हुई, जिसकी वजह से किसानों को धान की फसल लगाने में काफी तकलीफ हुई, बड़ी संख्या में किसान धान की फसल नहीं लगा सके. इससे निपटने के लिए राज्य सरकार ने 11 जिलों के विभिन्न भागों को सूखाग्रस्त घोषित किया है. इसके साथ राज्य के कम बारिश वाले इलाकों में किसानों को मदद दी जा रही है, जिसके मद में 130 करोड़ रुपए और जारी किए गए हैं.
दो एथेनॉल प्लांट लगेंगे
बिहार कैबिनेट ने दो एथेनॉल प्लांट लगाने को मंजूरी दी है, इनमें अनाज के जरिए एथेनॉल बनाया जाएगा. इसमें मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में 141.30 करोड़ की लागत में प्लांट लगेगा, जिससे प्रतिदिन 100 किलो लीटर एथेनॉल का उत्पादन होगा. ऐसे ही गोपालगंज में 75 किलो लीटर क्षमतावाला प्लांट लगाया जाएगा, जिस पर 30 करोड़ से ज्यादा की लागत आयेगी.
अब ऑनलाइन मशीन होगी तौल
राज्य सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण विभाग के जरिए मिलनेवाले राशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अभी तक पॉस मशीन के जरिए राशन बांटा जाता है, जिसमें घटतौली यानी कम राशन देने की बहुत शिकायतें आती हैं, इनको देखते हुए अब राज्य सरकार ने ऑनलाइन तौल की मशीन हर पीडीएस दुकान में लगाने का फैसला लिया है जिससे तौल संबंधी गड़बड़ी खत्म हो जायेगी. इसका दावा किया जा रहा है. ऑनलाइन तौल मशीन लगाने पर 110.54 करोड़ का खर्च आएगा.
अगलगी से निपटने के उपाय
राज्य से आग लगने की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं, जिनको देखते हुए राज्य सरकार ने 77 ऐसे थानों का चुनाव किया है, जहां पर ऐसी ज्यादा घटनाएं होती हैं. इसके लिए आग बुझाने की गाड़ी और अन्य सामानों की खरीद राज्य सरकार करेगी, जिस पर 46.20 करोड़ का खर्च किया जाएगा.
524 की होगी नियुक्ति
राज्य सरकार ने विभिन्न विभाग में खाली पदों को भरने के फैसला लिया है, जिसे कैबिनेट ने स्वीकार किया है. इसमें राजगीर में बन रहे खेल विश्वविद्यालय प्रबंधन के लिए 31 पदों पर नियुक्ति की जाएगी. खान और भूतत्व विभाग में खनिज विकास पदाधिकारी के 09, सहायक निदेशक के 03, उप निदेशक के 11 और अपर निदेशक के 02 पदों पर नियुक्ति होगी. विज्ञान और प्रावैधिकी विभाग में व्याख्याता के 14 पदों, योजना विकास विभाग में 299 पदों और न्यायलयों में 74 पदों पर नियुक्ति होगी. इसके अलावा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर इंजीनियरिंग कॉलेज में 36 पदों पर बहाली होगी. राजकीय पॉलीटेक्निक बरौनी और मुंगेर में 14 पदों पर नियुक्ति का फैसला लिया गया है.
पायलट बहाल करेगी सरकार
बिहार सरकार ने कांट्रेक्ट पर विमान चलाने के लिए पायलट नियुक्त करने का फैसला लिया. पायलट को ढाई लाख वेतन समेत हर माह कुल साढ़े पांच लाख रुपयों का भुगतान किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि ये फैसला बिहार सरकार के विमानों को चलाने को लेकर किया गया है.वेतन और अन्य भत्ते एविशन इंडस्ट्री के नॉर्म के मुताबिक तय किए गए हैं.
चार डॉक्टर बर्खास्त
ड्यूटी से गायब रहनेवाले चार डॉक्टरों की सेवा सरकार ने समाप्त के दी है, इसमें किशनगंज के ठाकुरगंज के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ निर्मल कुमार, गोपालगंज सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमोद झा, सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लक्ष्मी प्रसाद और अररिया सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरीम प्रसाद शामिल हैं.
स्मार्ट सिटी का पैसा घटा
सरकार ने बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की राशि को कम कर दिया है. बिहार शरीफ के लिए 2018 में 1570 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी, जिसे अब घटाकर 978 करोड़ कर दिया गया है. ऐसे ही मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के लिए 2017 में 1580 करोड़ की स्वीकृति दी गई थी, जिसे अब 982 करोड़ कर दिया गया है. बिहार कैबिनेट ने इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
आकस्मिकता निधि से इन्हें मिली राशि
ग्रामीण विकास विभाग को 389.92 करोड़, जल संसाधन विभाग को 6.29 करोड़, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को 234.70 करोड़, ऊर्जा विभाग को 484 करोड़, उद्योग विभाग को 502 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 6.94 करोड़, वित्त विभाग को 200 करोड़, पथ निर्माण विभाग को 913 करोड़ की राशि स्वीकृति की गई है.
छह हजार करोड़ का लोन
सहकारिता विभाग के उस प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसे छह हजार करोड़ का कर्ज लेने की अनुमति दी गई है, इस रुपए से पूरे राज्य से प्रक्योर्मेंट को बढ़ावा दिया जायेगा. इसमें रबी और खरीफ की फसल के उत्पाद शामिल होंगे. लोन लेने के लिए बैक गारंटी बिहार सरकार की ओर से दी जाएगी.
Source : Zee news
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