बिहार के हाजीपुर में जेल प्रशासन की अमानवीय और शर्मनाक करतूत सामने आई है. जेल में कैदी की मौत हुई तो जेल प्रशासन ने मरे हुए कैदी को हथकड़ियों में बांधकर अस्पताल पहुंचा दिया. अब खुद की नाकामी छिपाने के लिए प्रशासनिक अमला मामले की लीपापोती में जुटा है, जबकि अमानवीय करतूत से भड़के लोगों ने अस्पताल में हंगामा किया.
पूरा मामला हाजीपुर जेल में एक कैदी की मौत का है. दोपहर करीब 3 बजे हाजीपुर जेल प्रशासन एक कैदी को लेकर अस्पताल पहुंचा था. बताया गया कि लालगंज थाने में एक आपराधिक मामले में जेल में बंद कैदी बीमार था, जिसकी मौत हो गई थी. लालगंज के राजकिशोर नाम का बुजुर्ग 4 दिन पहले जेल पहुंचा था और अचानक उसकी मौत की खबर मिली.
जेल में कैदी की मौत हो चुकी थी, लेकिन अपनी नाकामी और लापरवाही छिपाने के लिए जेल प्रशासन मुर्दा कैदी को बीमार बताकर अस्पताल लेकर पहुंचा था. जिले के अधिकारियों को भी जेल प्रशासन ने खबर दी कि कैदी बीमार है. परिजनों को भी कैदी की मौत की खबर देने की बजाय जेल प्रशासन ने खुद को बचाने के लिए चिट्ठी लिख कर खबर दी.
जेल प्रशासन ने परिजनों से कहा कि बीमार कैदी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. परिजन भागे-भागे अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल में कैदी का शव मिला. परिजनों को बताया गया कि कैदी बीमार था और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है, लेकिन अस्पताल ने जेल प्रशासन की पोल खोल दी.
परिजनों ने जब अस्पताल प्रशासन से सवाल जबाब किया तो अस्पताल प्रशासन ने जेल प्रशासन की कलई और काली करतूत से पर्दा हटा दिया. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि जेल से अस्पताल पहुंचा कैदी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मर चुका था और अस्पताल में उसका कोई इलाज नहीं हुआ.
जेल में हुई कैदी की मौत मामले में प्रशासनिक तंत्र ने केवल लापरवाही ही नहीं की, बल्कि जो तस्वीर दिखी वो बेहद अमानवीय थी. मुर्दा कैदी को ज़िंदा बताने के लिए जेल अधिकारियों ने शव को हथकड़ियों में जकड़ दिया, फिर अस्पताल भेजा. मुर्दे को बीमार बता इलाज का ड्रामा करते दिखे.
जेल प्रशासन की इस हरकत पर परिजन भड़क गए और हंगामा करने लगे. जेल महकमे की इस अमानवीय और शर्मनाक करतूत मामले में हंगामे और बवाल के बाद मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दे दिया गया है. देर रात न्यायिक टीम पूरे मामले की जांच करने अस्पताल पहुंची और मौत के इस मामले की पड़ताल करती दिखी.
हाजीपुर जेल में कैदियों की मौत का ये पहला मामला नहीं है. महज 7 दिन पहले भी हाजीपुर जेल में एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. जेल में मौतों के ज्यादातर मामलो की तरह ही 13 फरवरी को हाजीपुर जेल में हुई मौत मामले में भी जेल प्रशासन ने खुद को पाक साफ़ बता दिया था.
इनपुट : आज तक