पिछले साल नवम्बर माह में बिहार के चार शहरों में प्रदूषण की अत्यधिक मात्रा के कारण उन्हें अटैनमेंट टाउन की श्रेणी में रखा गया है। इन चार शहरों में पटाखा बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इन शहरों में मुजफ्फरपुर, पटना, गया व हाजीपुर शामिल हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यह आदेश जारी किया है। इसके आलोक में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी डीएम व एससपी को पत्र लिखकर निर्देश दिया है।
अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा गया है कि पिछली दीपावली के समय इन शहरों के वायू प्रदूषण स्तर का अध्यन किया गया था। इसमें पाया गया कि दीपावली के समय हवा में पीएम 10, पीएम 2.5, एसओटू, एनओटू के अलावा हानिकारक धातुओं की मात्रा एकदम से बढ़ जाती है। इनमें आर्सेनिक, लेड, निकेल आदि प्रमुख हैं। इनकी मात्रा हवा में इतनी अधिक हो जाती है कि हवा मानव के अलावा सभी प्राणियों के लिए घातक हो जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस चंद्रशेखर ने कहा है कि जिन जिलों में पिछले साल वायु प्रदूषण स्तर खतरनाक पाया गया था, उनमें मुजफ्फरपुर, पटना, गया व हाजीपुर शामिल है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार इन जिलों में पटाखा बिक्री के नए लाइसेंस जारी नहीं किये जाएंगे। वहीं, पुराने लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अधिकारियों को इसको लेकर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी देने का आदेश दिया है।
वहीं, इन चारों जिलों के अलावा बाकी जिलों में भी ईको फ्रेंडली पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई है। कहा गया है कि बाकी जिलों में ईको फ्रेंडली पटाखे दीपावली व गुरुपर्व के दिन रात आठ से 10 बजे तक व छठ पर्व में सुबह छह से सुबह आठ बजे तक फोड़े जा सकेंगे। क्रिसमस व नववर्ष के समय रात 11 बजकर 55 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट तक ही ईको फ्रेंडली पटाखे फोड़ने की अनुमति नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दी है।
Input : Live hindustan
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