मुजफ्फरपुर : तीन माह के भीतर महापौर सुरेश कुमार दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। 25 पार्षदों द्वारा महापौर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए शनिवार को नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक होगी। इस दौरान क्लब रोड स्थित निगम आडिटोरियम के बाहर और भीतर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। प्रशासन द्वारा वहां पुलिस बल व दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। अंदर खाने से आ रही जानकारी के अनुसार महापौर सुरेश कुमार के साथ-साथ उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला भी बैठक से नदारत रह सकते हैं। ऐसे हालात में बैठक में उपस्थित पार्षदों में से किसी को अध्यक्षता के लिए चुना जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि महापौर खेमा के पार्षद हाजिरी बनाकर बैठक का बहिष्कार कर सकते हैं।

25 पार्षद 11 अक्टूबर का लाए थे प्रस्ताव

महापौर के खिलाफ 25 पार्षद 11 अक्टूबर को अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। पार्षदों ने उनके कार्यालय कर्मी को प्रस्ताव की कापी सौंप थी। साथ ही महापौर के कार्यालय कक्ष पर भी इसकी कापी चस्पा की थी। निबंधित डाक से भी उनके आवासीय पता पर प्रस्ताव की कापी भेजी थी। इसके बाद भी महापौर द्वारा बैठक नहीं बुलाए जाने पर अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने बैठक बुलाई है।

महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद

उपमहापौर मानमर्दन शुक्ला, वार्ड 23 के पार्षद राकेश कुमार सिन्हा, 28 के राजीव कुमार पंकू, 17 के विकास कुमार, 45 के शिव शंकर महतो, 30 की सुरभि शिखा, 47 की गीता देवी, दो की गायत्री चौधरी, सात की सुषमा देवी, 31 की रूपम कुमारी, नौ के एनामुल हक, 48 के मो. हसन, 25 के संतोष कुमार शर्मा, 10 के अभिमन्यु चौहान, 29 की रंजू सिन्हा, 35 की आभा रंजन, 36 की प्रियंका शर्मा, 38 की शबाना परवीन, 18 की संजू देवी, 42 की अर्चना पंडित, 14 के रतन शर्मा, 33 की रेशमी आरा, 24 की शोभा देवी, 34 की सालेहा खातून और वार्ड 16 के पार्षद पवन राम।

महापौर पर ये लगाए आरोप

– आटो टिपर एवं डस्टबिन खरीदारी घोटाले में आरोपित हैं महापौर

– नगर निगम बोर्ड एवं सशक्त स्थायी समिति की बैठक बुलाने में लापरवाही

– महापौर की अक्षमता से शहर में जलजमाव और नारकीय हालात

– प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन में शहर पिछड़ा

जुलाई में आए प्रस्ताव में हार गए थे सुरेश कुमार

मुजफ्फरपुर : इससे पहले 12 जुलाई को निगम के 18 पार्षद महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। उस समय भी महापौर ने बैठक नहीं बुलाई थी। इस पर प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों ने नगर आयुक्त के माध्यम से 24 जुलाई को बैठक बुलाई। इसमें हुए मतदान में महापौर सुरेश कुमार हार गए थे। उनके खिलाफ 31 पार्षदों ने मत दिया था। आठ पार्षदों ने उनके समर्थन में वोट किया। एक पार्षद ने वोट नहीं दिया और एक ने बैठक का बहिष्कार किया था।

समय पर बैठक की सूचना नहीं देने पर बच गई थी महापौर की कुर्सी : अविश्वास पर चर्चा को हुई पिछली बैठक को निर्वाचन आयोग ने यह कहते हुए अवैध करार दिया था कि पांच पार्षदों को समय पर सूचना नहीं दी गई थी। निर्वाचन आयोग ने इसके आधार पर आठ अक्टूबर को महापौर की कुर्सी पर सुरेश कुमार को फिर से बहाल कर दिया था।

इनपुट : जागरण

One thought on “तीन माह मे दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव आज सामना करेंगे महापौर सुरेश कुमार”
  1. Aw, thhis wass an incredibly nice post. Finding thhe tme annd actual efflrt tto gennerate a
    really god article… bbut wyat can I say… I putt
    thhings off a wholle lot andd don’t serm to geet nearlly anything done.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *